विषम आर्थिक स्थिति से ग्रस्त साहित्यकार/ रचानाकार ऐसे उठायें लाभ

आजमगढ़ 14 जुलाई– उ0प्र0 हिन्दी संस्थान जनपद के ऐसे साहित्यकारों/ रचानाकारों को, जो विषम आर्थिक स्थिति से ग्रस्त हैं, उनको साहित्यकार कल्याण कोष योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता तथा प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत रचानाकारों को उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण एवं प्रकाशन हेतु प्रकाशन अनुदान के लिए 31 जुलाई तक आवेदन पत्र आमंत्रित किया है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि साहित्यकार कल्याण कोष योजना अन्तर्गत संस्थान द्वारा विषम आर्थिक स्थिति ग्रस्त या रुग्ण ऐसे साहित्यकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतो से) रु0 5 लाख से अधिक नहीं है, उन्हें अधिकतम रु0 50,000 (रु0 पचास हजार) अनावर्तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत संस्थान द्वारा ऐसे रचनाकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतों से) रु0 5 लाख से अधिक नहीं है। कुल प्रकाशन पर होने वाले व्यय का तीन चौथाई भाग, जो रु0 30,000 (रु0 तीस हजार) से अधिक नहीं होगा। उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्रकाशन अनुदान प्रदान किया जाता है।
इन दोनों योजनाओं हेतु संस्थान द्वारा प्राविधानित नियमावली के अनुसार साहित्यकार/रचनाकार आवेदन निदेशक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन, हिन्दी भवन, 6-महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ -226001 को कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने अपील किया है कि जनपद के ऐसे साहित्यकार/रचनाकार अपने आवेदन नियमावली के अनुसार सीधे निदेशक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन, हिन्दी भवन, 6-महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ -226001 को दिनांक 31 जुलाई 2021 तक उपलब्ध करा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए जिला सूचना कार्यालय, 42 ए, द्वितीय तल, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग सिविल लाइन, आजमगढ़, से किसी भी कार्यदिवस में सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।