फसलों की कटाई हेतु कृषि यंत्रों विशेष कर कम्बाईन हार्वेस्टर को अपनाने से हो रहा नुक्शान, किसनों के लिए महत्वपूर्ण खबर

आजमगढ़ 02 सितम्बर– उप कृषि निदेशक संगम सिंह ने बताया कि कृषि फसलों की कटाई हेतु मजदूरों की सीमित उपलब्धता, आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से समय एवं श्रम की बचत के दृष्टिगत कृषकों द्वारा कटाई एवं मड़ाई हेतु आधुनिक कृषि यंत्रों विशेष कर कम्बाईन हार्वेस्टर को तेजी से अपनाया जा रहा है। परन्तु इन कृषि यंत्रों से कटाई के उपरान्त छूटे फसल अवशेष को जलाये जाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। शासन स्तर से प्राप्त निर्देशों के क्रम में फसल अवशेष जलाने से होने वाले हानियों यथा धरती का तापमान बढ़ने, पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ पशुओं में चारे की कमी एवं लाभदायक जीव-जन्तुआें के नष्ट हो जाने से मृदा उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। फसल अवशेष जलाये जाने का दूष्प्रभाव वायु प्रदूषण के रूप में धूप-कोहरा (स्मॉग) की मात्रा में वृद्धि होना है, जिससे न स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि कतिपय स्थानों पर अग्नि काण्ड जैसे भयानक घटनाएँ भी घटित हो रही है।
फसल अवशेष के उचित प्रबन्धन एवं उससे होने वाले बहुआयामी लाभों से कृषकों को परिचित कराने हेतु कृषि विभाग-आजमगढ़ द्वारा दिनांक-02 सितम्बर 2021 से दिनांक-09 सितम्बर 2021 के मध्य जनपद की 220 न्याय पंचायतों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन कराया जा रहा है।
उप कृषि निदेशक ने जनपद के कृषक बन्धुओं से अपील किया है कि गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए कृषि विभाग के प्रशिक्षित कार्मिकों से जानकारी प्राप्त कर अपने फसल अवशेष को कम्पोस्ट के रूप में परिवर्तित किये जाने हेतु जानकारी प्राप्त करें। श्री सिंह द्वारा यह भी बताया गया कि फसल अवशेष को खेत में ही गड्ढ़ा बनाकर वेस्ट डिकम्पोजर के माध्यम से कम्पोस्ट तैयार किये जाने हेतु 21000 अदद डिकम्पोजर का निःशुल्क वितरण जनपद के कृषकों में किया जायेगा। कृषक बन्धु इसका लाभ उठाकर अपने खेतों की उर्वरता सुधारते हुए अपनी उपज में वृद्धि कर सकते हैं।