कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध के चलते हाइवे जाम करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त किसान मोर्चा के 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले पर 20 अक्टूबर को सुनवाई होगी. हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त किसान मोर्चा के तहत 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की अर्जी दाखिल की है. अर्जी में नेताओं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल का नाम शामिल हैं. जनहित याचिका में पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने ही इजाजत दी थी.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया था कि अदालत ने इस मामले में पहले व्यवस्था दी है. ऐसे में सरकार हमसे ये ना कहे कि हम नहीं कर पा रहे हैं. हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए.कानून पहले ही निर्धारित किया जा चुका है, हम इसे बार-बार नहीं दोहरा सकते. इसे लागू करना कार्यपालिका का कर्तव्य है.जस्टिस एस के कौल ने कहा था कि न्यायपालिका कार्यपालिका पर अतिक्रमण नहीं कर सकती. किसानों को शिकायत हो सकती है लेकिन सड़क पर फंसी जनता को भी उनसे शिकायत है. किसानों की शिकायतों के निवारण के उचित न्यायिक मंच और अन्य विकल्प हैं लेकिन ये अवरोध बार-बार नहीं हो सकते