हिंसा पर सियासत जारी! कई विपक्षी नेता हिरासत में, फिर हुई आगजनी, 1 पत्रकार की भी गई जान, CBI जांच को HC में याचिका

यूपी के लखीमपुर खीरी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प में एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई. रमन घटना की कवरेज के दौरान हिंसक झड़प में घायल हुए थे. रमन कश्यप निघासन क्षेत्र के निवासी थे. परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में शव की पुष्टि की है. इस हिंसक झड़प में अब तक 4 किसानों व पत्रकार समेत 5 लोगों की मौत हो चुकी है. उधर इस घटना के खिलाफ सियासत भी चरम सीमा पर है.

सियासी उबाल के बीच लखनऊ में धरने पर बैठे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उधर, पुलिस को चकमा देकर लखीमपुर निकले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को इंजीनियरिंग कॉलेज के पास प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं प्रोफेसर रामगोपाल यादव में हिरासत में लिए गए. हिरासत में लेने के बाद सभी नेताओं को पुलिस लाइन लेकर जाया गया. शिवपाल यादव ने सभी जिला अध्यक्षों से जिला मुख्यालय पर धरना देने और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने का निर्देश दिया है.

लखनऊ के गौतमपल्ली में अराजकतत्वों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. आनन-फानन आग पर काबू पाने की कोशिश की गई. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा गाड़ी थाने के सामने जली है, तो पुलिस ने ही आग लगाई होगी. ताकि आंदोलन को कमज़ोर किया जा सके. अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाने पर अड़े थे. वहीं अखिलेश यादव को हिरासत में लिए जाने के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं का प्रदेश भर में आंदोलन की घोषणा की. आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन के जरिए समाजवादी पार्टी ज्ञापन सौंपेंगी. ज्ञापन में प्रत्येक मृतक परिवार को दो करोड़ की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी की मांग है. साथ ही गृह राज्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग और दोषियों को 302 के तहत तत्काल जेल भेजने की मांग.

मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंच गया है. मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पत्र याचिका दाखिल की गई है. स्वदेश एनजीओ और प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक की तरफ से एक्टिंग चीफ जस्टिस को भेजी गई लेटर पिटीशन में पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने के आदेश दिए जाने की मांग की गई है. साथ ही अपील की गई है कि सीबीआई जांच होने की सूरत में हाईकोर्ट द्वारा मॉनिटरिंग किया जाए. इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई किए जाने की मांग की भी गई है.