महिला ऑफिसर सुसाइड मामले में आईपीएस अशीष तिवारी समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज

अयोध्या महिला ऑफिसर सुसाइड मामला, पिता बोले- बेटी को तीनों कर रहे थे परेशान
अयोध्या। अयोध्या महिला ऑफिसर श्रद्धा गुप्ता सुसाइड केस में आईपीएस अशीष तिवारी समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने यह कार्रवाई सुसाइड नोट के आधार पर की है। दरअसल महिला अफसर ने अपने सुसाइड नोट में विवेक गुप्ता और आईपीएस आशीष तिवारी और एक अन्य पुलिस अधिकारी अनिल रावत को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था।
अयोध्या के खवासपुरा निवासी विष्णु अग्रवाल के घर में बैंक ऑफिसर किराए पर रहती थीं। मूल रूप से लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी थीं। इनके पिता राजकुमार गुप्त कपड़े की दुकान करते हैं। मृतका रीडगंज स्थित पीएनबी के सर्कल ऑफिस में वर्ष 2017 से कार्यरत थीं। शुक्रवार की शाम से ही परिजनों ने इनके मोबाइल फोन पर कॉल किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ और न ही मोबाइल ऑनलाइन दिखा। शनिवार को परिजनों ने परेशान होकर मकान मालिक को फोन किया। मकान मालिक ने जब बैंक ऑफिसर के कमरे में खिड़की से देखा तो श्रद्धा का पैर लटकता नजर आया। इसकी मकान मालिक ने परिजन को सूचना देते हुए अप्रिय घटना की आशंका जताई। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा तो श्रद्धा का फंदे से शव लटक रहा था। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। मौके पर सुसाइड नोट मिला। श्रद्धा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उसकी विवेक गुप्ता के नाम एक शख्स के साथ शादी तय हुई थी, लेकिन बाद में खुद उसने शादी से इंकार कर दिया था। श्रद्धा ने प्च्ै आशीष तिवारी और पुलिस अधिकारी अनिल रावत को भी अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था।
श्रद्धा के पिता ने बताया कि विवेक अपने दोस्त से आशीष और अनिल रावत से बेटी को फोन कराकर परेशान करता था। पिता ने कहा कि मेरी बेटी श्रद्धा की शादी 2020 में विवेक गुप्ता से तय हुई थी। बेटी और दामाद की फोन पर बातचीत होती थी। लेकिन, कोरोना की वजह से शादी नहीं हो पाई थी। इस बीच मेरी बेटी ने बताया कि विवेक की आदत ठीक नहीं है। मैं उससे शादी नहीं करुंगी। इसके बाद शादी तोड़ दी गई। इसके बाद वो कई तरह से उसे परेशान करने लगा। इस बारे में उसने कई बार मुझे बताया।
2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी को हाल ही में एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) का पहला इंचार्ज बनाया गया है। भारतीय पुलिस सेवा में आने से पहले वह लंदन और जापान के बैंकों में जॉब करते थे। वहां उनकी सलाना सैलरी एक करोड़ रुपए थी।
आशीष मूल रूप से मध्य प्रदेश के इटारसी के रहने वाले हैं। पिता कैलाश नारायण तिवारी, रेलवे इटारसी में सेक्शन इंजीनियर हैं। आशीष की 12वीं तक की पढ़ाई इटारसी के केंद्रीय विद्यालय में हुई। इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने कानपुर आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक और फ‍िर एमटेक कम्प्लीट क‍िया।
2007 में ही वह कैंपस सि‍लेक्शन के दौरान लंदन की लेहमैन ब्रदर्स कंपनी में सि‍लेक्ट हुए, जहां उन्होंने डेढ़ साल काम किया। इसके बाद उन्होंने जापान के नोमुरा बैंक में डेढ़ साल जॉब की। दोनों बैंकों में एक्सपर्ट एनालिस्ट पैनल में उनका सिलेक्शन हुआ था।