आजमगढ़ को आतंक का गढ़ कहना  जनपदवासियां का घोर अपमान है -लालबिहारी मृतक

आजमगढ़। जनपद का इतिहास जाने बगैर आजमगढ़ को आतंक का गढ़ कहना  जनपदवासियां का घोर अपमान है। उक्त बातें मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता लालबिहारी मृतक ने सोमवार को प्रेस को जारी अपने बयान में कहा। उन्होने कहाकि गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर जिले में उच्च शिक्षा के लिए बहुत बड़ा तोहफा दिया। विश्वविद्यालय की आड़ में इतिहास जाने बगैर आजमगढ़ को बदनाम करना निंदनीय है। उन्होने कहाकि आजमगढ़ की धरती ऋषियों मुनियों, विद्वानों व साहित्यकारों की धरती है। यहां पर अल्लामा शिब्ली नोमानी, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध, कैफी आजमी, राहुल सांस्कृत्यायन, मजरूह सुल्तानपुरी ने जन्म लेकर शिक्षा, साहित्य व सामाजिक क्षेत्र में अनेकों कार्य किये। दुर्वाषा ऋषि, दत्तात्रेय ऋषि, चन्द्रमा ऋषि ने अपने ज्ञान और तप से आजमगढ़ की धरती को  पवित्र बनाया। तमसा तट पर तीनों ऋषियों के धाम आज भी है। अपने स्वाथ और वोट की राजनीति के लिए गृहमंत्री व मुख्यमंत्री का बयान आजमगढ़ को अपमानित करने का काम किया। श्री मृतक ने कहाकि आजमगढ़ की भूमि संघर्षों से भरी है, सरकार में बैठे लोगों को यह मालूम नहीं है कि सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित व्यक्तियों को संघर्षों के बल पर मुर्दा से पुर्नजीवित करने का काम किया।