मेरठ। सपा-रालोद के गठबंधन के बाद मंगलचार मेरठ में सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पश्चिमी यूपी की जनता का मन परखा। ऐसा पहली बार है, जब दोनों दिग्गज नेता एक साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और एक साथ मंच साझा किया। एक बजकर 19 मिनट पर दोनों नेता दबथुवा रैलीस्थल पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने दोनों नेताओं का स्वागत किया और डॉ. भीमराव आंबेडकर, चौधरी अजित सिंह और चौधरी चरण सिंह की तस्वीर भेंट की। दोनों नेताओं ने इसके बाद हाथ उठाकर रैली स्थल पर मौजूद जनता का अभिवादन किया। चौधरी जयंत सिंह का भाषण एक बजकर 45 मिनट पर शुरू हुआ। जयंत ने जनसैलाब को राम-राम करते हुए कहा कि क्रांति भूमि पवित्र धरती को नमन करता हूं। 1857 से पहले या उसके बाद, जब भी देश को जरूरत पड़ी यहां के बेटे-बेटियों ने हमेशा मुकबाला किया। राजनीति में दिखावा बहुत हो चुका है। एक साल किसानों का अपमान हुआ। भाजपा के किसी पद पर बैठे किसी नेता की हिम्मत नहीं इस पर बोले। लखनऊ में अदब है, मेरठ में गजब है। यह चौधरी चरण सिंह की कर्म भूमि है। युवा कह रहे हैं भाजपा को सरकार भी गंवानी पड़ेगी।
अखिलेश यादव ने मंच से किसानों, नौजवानों, माताओं-बहनों और पत्रकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए अपनी बात शुरू की, कहा कि मेरठ की क्रांतिकारी धरती ने चौधरी चरण सिंह जैसे लोगों को जन्म दिया, जिन्होंने किसानों और जनता के हित में काम किया। बाबा टिकैत को याद करते हुए कहा कि बाबा टिकैत ने इस क्रांतिकारी धरती के किसानों को जगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है, जब मैं इतना बड़ा जनसैलाब देख रहा हूं। यह जनसैलाब बता रहा है कि इस बार भाजपा का सूरज डूबेगा, यह जनसैलाब बता रहा है कि ये जनता भाजपा को हमेशा के लिए पश्चिम से खदेड़ देगी। अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों का हक मिले और एमएसपी के लिए ठोस फैसला हो। उन्होंने कहा भाजपा किसानों के हक में फैसला नहीं करना चाहती है। गठबंधन किसानों को उनका हक दिलाएगा। भाजपा के मंत्री और समर्थकों ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया है। मान छीना है, भाजपा को जाना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा हवाई जहाज बेच दिये, एयरपोर्ट बेच दिये, रेलवे स्टेशन बेच दिये। हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज में बैठाने का क्या हुआ। आज मोटरसाइकिल चलाना भी भारी हो गया है। भाईचारे को मजबूत करने लिए रालोद-सपा के कार्यकर्ता खड़े हैं। किसानों का बकाया है, किसानों को कहकर जा रहे हैं, चीनी मिल पैसा नहीं दे पा रहे थे। अपने बजट से किसानों को पैसा दिया था। हमारी सरकार बनेगी सरकार भुगतान करेगी, बिजली का बिल आ रहा है तो करंट लग रहा है। बाबा मुख्यमंत्री बिजली कारखाने का नाम नहीं रट पाए हैं। समाजवादी पार्टी व रालोद मिलकर सरकार बनेगी तो गरीब लोगों को बिजली बिल से राहत देंगे।