प्राथमिक स्तर पर परिवार नियोजन के साधनों की बढ़ी उपलब्धता
प्रत्येक वर्ष नवम्बर से फरवरी तक दूसरे और चौथे वृहस्पतिवार को केंद्र पर होता है नसबंदी कार्यक्रम का आयोजन
आजमगढ़, 18 फरवरी 2022 |
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में परिवार को सीमित रखने को लेकर जागरूकता देखने को मिल रही है | इसके लिए चल रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार-नियोजन के स्थाई तथा अस्थाई साधनों की सेवायें केंद्र पर बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी लाना है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आई एन तिवारी का | उन्होने कहा कि जिले में अप्रैल से अब तक महिला नसबंदी 4084, पुरुष नसबंदी 24, प्रसव पश्चात कॉपर-टी 6215, अंतरा 104, छाया 18791 की सुविधा दी गई है |
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुहम्मदपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ रोहित मिश्रा ने बताया कि ब्लॉक में 185 आशा व 17 एएनएम द्वारा घर-घर जाकर दंपति से सम्पर्क कर उनका पंजीकरण कर उनको केन्द्र पर लाकर सुविधा उपलब्ध कराती हैं। कोविड काल में प्राथमिक स्तर पर महिलाओं और पुरूषों की परिवार-नियोजन कार्यक्रम में सहभागिता बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए | प्रत्येक वर्ष नवम्बर से लेकर फरवरी माह तक सप्ताह में दो दिन, दूसरा और चौथा वृहस्पतिवार को केंद्र पर नसबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस आयोजन के लिए प्राथमिक स्तर की आशा व एएनएम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अप्रैल 2021 से अब तक कुल 249 महिलाओं ने व एक पुरुष नसबंदी की सेवा दी गई| इसके साथ ही प्रसव पश्चात कॉपर-टी 278, अंतरा 104, छाया 461 जैसे साधन एक से अधिक बच्चों वाले दम्पति ने परिवार-नियोजन के लिए अपनाये। पुरुष नसबंदी को अपनाने से किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नही आती है। यदि दो बच्चे हैं तो वह नसबन्दी करवाने के लिए आशा व एएनएम से संवाद स्थापित कर केंद्र पर नि:शुल्क सेवा ले सकते हैं।
मिलती है प्रतिपूर्ति राशि-
पुरुष नसबंदी अपनाने वाले लाभार्थियों को 3000 रुपये व महिला नसबंदी के लाभार्थियों को 2000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। इसके साथ ही अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों को 100 रुपये दिया जाता है। आशा कार्यकर्ता को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये व महिला नसबंदी पर 300 रुपये और अंतरा इंजेक्शन पर 100 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जाते हैं।