आजमगढ़ : जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया 

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया

आजमगढ़,10 फरवरी 2022

जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर हुई जांच में 118 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) में चिन्हित की गई। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने दी।
उन्होंने बताया कि जिले में हर माह की नौ तारीख को मनाया जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस बुधवार को जनपद के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया। इस दिवस पर पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित लाभ देने के लिए, उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पंजीकरण किया जाता है। साथ ही नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव सुविधा, परिवार नियोजन की सुविधा के साथ ही पोषण के प्रति जागरूक किया जाता है।
डॉ तिवारी ने बताया कि इस दिवस पर हर गर्भवती अपने प्रसव तक हर महीने की 9 तारीख को अपने घर के पास के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच और इलाज करा सकती है। जिसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर बुधवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले के किसी भी अस्पताल में पंजीकरण करा सकती हैं, गर्भवती को स्वास्थ्य सुविधाएं केवल शहर में ही नहीं बल्कि गांव में भी हर सुविधा दी जा रही है। इस योजना का लाभ गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात जच्चा–बच्चा की सुरक्षा के लिए भी दिया जा रहा है।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता दिनेश कुमार ने बताया कि इस दिवस पर मुख्य रूप से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन हर गर्भवती की पांच जांच- ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट,यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क किया जाता है। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया जाता है।
गर्भवती की निःशुल्क एएनसी जांच व नि:शुल्क सुविधा दी जाती है जैसे – मधुमेह का स्तर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड से साथ गर्भवती के खतरे के लक्षण जैसे – गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना, योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि। यदि कोई भी जोखिम वाली स्थिति की संभावना हो तो उससे बचने के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। जच्चा व बच्चा की जान को समय रहते बचाया जा सके। उन्होने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 3467 व अन्य जांचें की गई, जिनमें से 118 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) में चिन्हित की गई।
सीएचसी अतरौलीय ब्लॉक से लाभार्थी से आसमा खातून उम्र 22 वर्ष ने कहा कि मेरी पहली प्रेग्नेंसी की जांच हुई है, पाँचवा महीना चल रहा है। डॉक्टर ने खून की कमी बताई है जिसके लिए दवा के साथ-साथ हरी साग-सब्जी व अंकुरित अनाज खाने की जानकारी दी है।
23 वर्षीय अर्चना ने बताया कि मेरी पहली प्रेग्नेंसी की छठा महीने की जांच हुई। जांच में पता चला की बच्चे की हलचल कम है। डॉक्टर ने आराम करने व दूध और ज्यादा से ज्यादा फल व हरी-सब्जी खाने की सलाह दी है। नियमित जांच के लिए अस्पताल आई हूँ। यहाँ सभी सुविधाएं निःशुल्क मिली हैं।