लखनऊ। प्रदेश की सत्ता पाने के लिए सभी दलों ने दिन-रात मेहनत किया। लेकिन विजयश्री भाजपा को मिली। प्रदेश के 23 जिले ऐसे रहे जहां भाजपा ने सभी 125 सीटों पर परचम लहराया। तो सपा ने भी पांच जिलों के सभी 28 सीटों पर साइकिल दौड़ाई। सिर्फ 47 ऐसे जिले थे जहां दोनों में असली संघर्ष देखने को मिला। इस बार चुनावी मुकाबले में सिर्फ दो दलों में एक तरफ सत्ताधारी भाजपा और सपा में ही सत्ता का संघर्ष रहा। कांग्रेस केवल दो सीटें जीती है और बसपा एक। बाकी छोटे दल भाजपा और सपा के गठबंधनों में शामिल होकर लड़े।
इस चुनाव की दिलचस्प बात यह है कि 28 जिलों में विचारधाराओं की आंधी एकतरफा चली है। इनमें से 23 जिलों के मतदाता भगवा रंग में डूबे नजर आए तो पांच जिलों के वोटरों की नजर सिर्फ सपा पर टिकी थी। यही वजह है कि भाजपा ने 23 जिलों की सभी 125 सीटों पर क्लीन स्वीप कर डाला। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस चुनाव में 255 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें 125 सीटें तो 23 जिलों में ही मिल गईं, जबकि 47 जिलों से 130 सीटें ही जीत सकी। जबकि पांच जिले ऐसे रहे, जहां भाजपा खाता नहीं खोल सकी। वहां क्लीन स्वीप करते हुए सभी 28 सीटें सपा ने झटक लीं। सपा ने कुल 111 सीटें जीती हैं। इस तरह बाकी की 83 सीटों के लिए सपा को 47 जिलों में संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि 23 में तो भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है।
भाजपा ने गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, गोंडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, पीलीभीत, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, एटा, वाराणसी, राबर्ट्सगंज, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, हरदोई और लखीमपुर जिले में क्लीन स्वीप किया है। जबकि सपा ने आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कौशाम्बी, शामली और गाजीपुर जिले में क्लीन स्वीप किया है।