लखनऊ : बिजली बिल रिवीजन के माध्यम से उपभोक्ताओं से वसूले गए रुपयों में 22 करोड़ का घोटाला

लखनऊ। बिजली महकमें में अब बिल रिवीजन के माध्यम से उपभोक्ताओं से वसूले गए करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। महोबा और देवरिया में ये घोटाले खुले हैं। महोबा मामले की जांच के लिए उ.प्र. पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने विशेष टीम गठित कर दी गई है। इस टीम की रिपोर्ट पर प्रबंधन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। महोबा में बिल घोटाले की रकम करीब 22 करोड़ रुपये सामने आ रही है।राज्य की बिजली कंपनियां घोटालों से उबर नहीं पा रही हैं। पीएफ घोटाला, कनेक्शन घोटाला के बाद अब बिल घोटाला का मामला संज्ञान में आने के बाद पूरे महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। बिल घोटाले में विभागीय इंजीनियरों और कार्मिकों ने बिल रिवीजन के मामलों में बड़ा खेल किया है। बिल रिवीजन के बाद उपभोक्ताओं से जमा कराए गए करोड़ों रुपये जमा ही नहीं किए गए। ऐसी शिकायतें महोबा और देवरिया से मिली हैं, जिसकी जांच विशेष टीमें कर रही हैं।पावर कारपोरेशन के सूत्रों के मुताबिक, देवरिया में पांच करोड़ रुपये से अधिक के गबन की बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि यहां पर दस्तावेजों को आधार घोटाला कहा जा रहा है जबकि ऑनलाइन सिस्टम में सारे रिकार्ड उपलब्ध हैं। पूर्व में देवरिया में तैनात रहे एक अधीक्षण अभियंता ने घोटाले की शिकायत प्रबंधन से की है। यह शिकायत उन्होंने तब की जब उनका वहां से स्थानांतरण कर दिया गया। देवरिया के मामले में यह भी बताया जा रहा है कि सही मायनों में सिर्फ दस्तावेज मीसिंग है, यहां कोई घोटाला नहीं है।चर्चा है कि बिल धनराशि के घोटाले की खबरें मिलने के बाद प्रबंधन द्वारा अलीगढ़, मथुरा के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में विशेष आडिट कराया जा रहा है। यूपीपीसीएल चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि महोबा में बिल धनराशि के घोटाले का मामला सामने आया है। शिकायत के आधार पर महोबा में हुए घोटाले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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