लखनऊ। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के सभी प्राविधिक विश्वविद्यालयों व राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की सभी शाखाओं में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं को मात्र एक रुपये में शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस पर आने वाले व्यय को समस्त कॉलेज अपने निजी स्रोतों से वहन करेंगे। मंत्री ने यह बातें विभागीय समीक्षा में कहीं।

उन्होंने बताया कि तीन माह के अंदर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के फार्मास्यूटिकल एंड बायो इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर की स्थापना कराई जाएगी। उन्होंने राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर नई कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए हैं। कहा कि सभी चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व नियम संगत बनाया जाए और अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना सभी संस्थान तैयार करें।

प्रदेश में अगले पांच वर्षों में मेडिकल की सीटों को दोगुना करने की तैयारी है। इसमें एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा। आने वाले 100 दिनों में प्रदेश में ई हॉस्पिटल स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और दो साल में मेडिकल कॉलेज ई-हॉस्पिटल की तर्ज पर क्रियाशील हो जाएंगे। यही नहीं बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए आने वाले दो साल में कॉल सेंटर और मोबाइल एप भी तैयार किया जाएगा।

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश में इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क की भी स्थापना होगी। प्रदेश सरकार की वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज के साथ प्रत्येक जिले को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस करने की योजना है। वर्ष 2022-2023 तक प्रदेश को लैब, सीएचसी, पीएचसी का कायाकल्प, पीकू , नीकू की स्थापना, हेल्थ एटीएम जैसी सुविधाओं से लैस करने की योजना है।

सरकार का दावा है कि वर्ष 2022 में प्रदेश के सभी जिलों में बीएसएल टू आरटीपीसीआर लैब, सीटी स्कैन यूनिट, डायलिसिस यूनिट के संचालन संग वर्ष 2022-2023 तक 14 नए मेडिकल कॉलेज प्रदेश में शुरू हो जाएंगे। वहीं, 16 पीपीपी मॉडल, दो एम्स, एक बीएचयू, एक एएमयू के अलावा 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से चिकित्सीय सेवाओं में बेहतर सुधार होगा।न