आजमगढ़: आवेदक पारम्परिक कारीगरी जैसे बढई, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री के लिए विशेष खबर, जाने क्या है ख़ास
प्रेस नोट
आजमगढ़ 27 अप्रैल– उपायुक्त उद्योग प्रवीण कुमार मौर्य ने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा परम्परागत कारीगरों के विकास हेतु “विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना“ संचालित की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत पारम्परिक कारीगरों बढई, कुम्हार, राजमिस्त्री एवं हस्तशिल्पियों के आजीविका के साधनों का सुदृढीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जायेगा। उक्त योजना के माध्यम से उपरोक्त क्षेत्र के व्यक्तियों को 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिये जाने का प्राविधान है। प्रशिक्षण पूर्णतः निःशुल्क होगा। प्रशिक्षण अवधि में श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर जारी अर्धकुशल श्रमिक के मजदूरी दर के समान दर पर मानदेय प्रदान किया जायेगा। सेवा/व्यवसाय के सफल संचालन हेतु आधुनिकतम तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म के टूल किट का वितरण कौशल बृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरान्त सभी प्रशिक्षणार्थियों को किया जायेगा।
उक्त योजनांतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। आवेदक की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है एवं उपरी सीमा का कोई निर्धारण नही है। आवेदक पारम्परिक कारीगरी जैसे बढई, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री अथवा दस्तकारी आदि व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिये। परिवार का केवल एक सदस्य ही योजनांतर्गत आवेदन हेतु पात्र होगा। परिवार का आशय पति अथवा पत्नि से है। योजनांतर्गत पात्रता हेतु जाति एक मात्र आधार नही है। योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु ऐसे व्यक्ति भी पात्र होंगें, जो परम्परागत कारीगरी करने वाली जाति से भिन्न हों।
योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र बढई, कुम्हार, राजमिस्त्री लाभार्थियों के द्वारा अपना आवेदन पत्र diupmsme.upsdc.gov.in पर दिनांक 03 मई 2022 तक आनलाईन कर सकते हैं। योजना की विस्तृत जानकारी हेतु पटल सहायक, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, आजमगढ़ के मोबाइल नं0-8172962782 से सम्पर्क किया जा सकता है।
——-जि0सू0का0 आजमगढ़-27.04.2022——–