आजमगढ़, 30 अप्रैल 2022
गर्भावस्था में कमर दर्द होना आम बात है। लगभग 50 फीसदी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी न किसी समय कमर दर्द की शिकायत रहती है। लगातार कमर दर्द बने रहने से मन खिन्न रहता है और मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह कहना है जिला महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिक (एसआईसी) एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ्र डॉ मंजुला सिंह का। डॉ सिंह ने बताया कि राहत पाने और कमर दर्द की स्थिति गंभीर होने से रोकने के लिए सतर्क रहें।
डॉ मंजुला सिंह ने बताया कि गर्भावस्था में रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन आपके जोड़ों को शिथिल बना देता है। 10 से 14 हफ्ते की गर्भावस्था के बीच रिलैक्सिन हॉर्मोन अपने उच्च स्तर पर होता है। आपको गर्भावस्था की शुरुआत में ही पीठ दर्द हो रहा है, तो इसकी वजह रिलैक्सिन हॉर्मोन हो सकता है। पहली तिमाही में पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन की वजह से महिलाओं की रीढ़ की हड्डी पर भार बढ़ता है। इससे कमर के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो सकता है। हालांकि गर्भवती होने से पहले कमर दर्द से परेशान कुछ महिलाओं में यहां तक पाया गया कि उनकी गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ उन्हें दर्द में भी आराम मिल जाता है।
35 से 55 वर्ष आयु वाले त्रस्त
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी के अनुसार 35 से 55 वर्ष की आयु के बीच के लोगों में कमर दर्द की शिकायत आम है। अगर सतर्क रहें तो इस दर्द से आसानी से छुटकारा मिल सकता है। कमर दर्द आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से में महसूस होने वाले दर्द को कहते हैं। यह आपको अपनी रीढ़ की हड्डी में कहीं भी महसूस हो सकता है। कमर दर्द आपकी गतिविधि और शारीरिक क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है। इससे आपके जीवन में तथा रोजमर्रा के कामकाज के साथ विभिन्न क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है। उन्होने बताया कि जिला मंडलीय चिकित्सालय में चार अस्थि रोग विशेषज्ञों की ओपीडी होती है। एक ओपीडी में 150 तक मरीज आ रहे हैं। इसमें 20 फीसदी तक सिर्फ कमर दर्द के मरीज निकाल रहे हैं। फरवरी में 2648, मार्च में 3892 तथा अप्रैल में अब तक 4041 मरीजों की ओपीडी की गई है।
अधिक वजन व व्यायाम न करना खतरनाक
मंडलीय जिला चिकित्सालय में तैनात अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ अभिषेक सिंह ने बताया कि 80% लोग अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पीठ दर्द का अनुभव जरूर करते हैं। अच्छी बात यह है कि उनमें से 95% लोगों में यह ठीक हो जाता है। पीठ दर्द से बचने के लिए अच्छे स्वास्थ्य, उचित वजन, सही मुद्रा और पर्याप्त व्यायाम की आवश्यकता होती है। दवा और फिजियोथेरेपी कमर दर्द के अधिकांश मामलों में राहत दे सकती है।
भदौड़ आजमगढ़ निवासी 50 वर्षीय पुष्पा सिंह ने बताया कि मुझे पिछले 3-4 महीने से कमर में दर्द था। डॉक्टर को दिखाकर जांच कराया तथा दवा ली। अब मुझे काफी आराम है। वहीं जमीलपुर निवासी 61 वर्षीय जगदीश पांडे ने बताया कि मुझे कुछ दिनों से कमर में दर्द था। यहाँ दिखाकर जरूरी जांच कराकर दवा ली। अब मुझे 60 फीसदी आराम है। मुझे 20 दिन बाद फिर से बुलाया गया है।