मेरठ : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेजों में सत्र 2022-2023 जीरो- 300 कालेजों में लटकेंगे ताले

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने मेरठ मंडल के छह जिलों के बीएड कॉलेजों में सत्र 2022-23 जीरो घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तय तिथि तक परफोर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) अपलोड नहीं करने वाले समस्त बीएड कॉलेज इसके दायरे में आएंगे। रिपोर्ट नहीं देने पर देशभर के कॉलेजों का एनसीटीई भी 27 अप्रैल को सत्र शून्य घोषित करने का फैसला कर चुकी है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने गुरुवार को मेरठ मंडल में पीएआर नहीं देने वाले कॉलेजों का सत्र शून्य करने के आदेश दे दिए।

विश्वविद्यालय से संबद्ध अधिकांश बीएड कॉलेज पीएआर में फंस जाएंगे। इन कॉलेजों में शिक्षक, इंफ्रास्ट्रक्चर और मूलभूत सुविधाएं सहित अनेक कमियां सामने आती रही हैं। ऐसे में सत्र शून्य होने के बीच करीब 300 कॉलेजों में नए सत्र में ताले पड़ सकते हैं। सीसीएसयू में 350 से अधिक बीएड कॉलेज हैं। विश्वविद्यालय को फिलहाल एनसीटीई से पीएआर नहीं देने से चूके और सत्र शून्य के दायरे में आए कॉलेजों की सूची का इंतजार है। सूची मिलते ही ये सभी प्रस्तावित काउंसिलिंग से बाहर हो जाएंगे।

एनसीटीई लंबे समय से बीएड कॉलेजों को पीएआर अपलोड करने के निर्देश दे रही थी। देशभर के कॉलेजों ने यह रिपोर्ट जमा नहीं की और कुछ इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई के फैसले को सही मानते हुए दो अप्रैल तक रिपोर्ट जमा करने को कहा, लेकिन अधिकांश कॉलेज तब भी नहीं चेते। 27 अप्रैल को एनसीटीई ने मीटिंग करते हुए पीएआर जमा नहीं करने वाले कॉलेजों का सत्र शून्य कर दिया। लाखों शैक्षिक संस्थानों के बावजूद एनसीटीई में केवल 11 हजार कॉलेजों ने ही पीएआर जमा की है। पीएआर में कॉलेज का ढांचागत, शैक्षिक, शिक्षक स्तर पर व्यापक आकलन होना है। माना जा रहा है कि नियत मानक पूरे नहीं करने वाले कॉलेज बंद कर दिए जाएंगे।