आजमगढ़ : जिले में मना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व निःशुल्क जांच, परिवार नियोजन की सेवाओं के बारे में दी गई जानकारी

आजमगढ़, 9 मई 2022
हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। प्रत्येक गर्भवती के सुरक्षित प्रसव व जच्चा–बच्चा की बेहतरी के लिए प्रसव पूर्व जांच कराना बहुत आवश्यक है। इससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ, शिशु मृत्यु-दर को कम किया जा सकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ मंजुला सिंह का।
डॉ सिंह ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में 46 गर्भवती की प्रसव पूर्व निःशुल्क जांच (एएनसी) की गई, जिनमें से 3 उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली चिन्हित की गईं । इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुँचने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में जागरूक भी किया गया।
सीएमएस डॉ मंजुला सिंह ने बताया कि सभी केन्द्रों पर आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के अंतर्गत प्रसव पूर्व जांच के लिए निर्धारित कक्ष में चिकित्सक द्वारा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही उच्च जोखिम वाली गर्भवती के पंजीकरण के लिए अलग से रजिस्टर कर विशेष निगरानी की सुविधा दी जाती है। जिला महिला चिकित्सालय में 46 गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) व हीमोग्लोबिन जांच 38,ब्लड प्रेसर 38, यूरिन जांच 3,अल्ट्रासाउंड 25 जांचें की गई, जिनमें से 3 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली चिन्हित की गईं।
इस दिवस पर गर्भवती को निःशुल्क प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की सुविधाएं दी जाती हैं। इसके साथ ही परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में महिलाओं को जागरूक भी किया जाता है। इसका उद्देश्य माँ और बच्चा को स्वस्थ बनाने के साथ मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर को कम करना है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर चिकित्सालय पर आई गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें जैसे- ब्लड टेस्ट, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन जांच, अल्ट्रासाउंड की निःशुल्क सुविधा दी जाती है।
नव दंपति को शादी के दो वर्ष बाद ही पहले बच्चे की योजना बनाने, दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम से कम तीन वर्ष का अंतर रखने और दो बच्चों के बाद नसबंदी अपनाने के बारे में परामर्श भी दिया जाता है। गर्भवती को यह बताया जाता है कि गर्भावस्था में पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए, जिससे उसके और गर्भस्थ शिशु को बेहतर पोषण मिल सके।
हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की निःशुल्क प्रसव पूर्व जांच – जैसे – मधुमेह का स्तर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लीबिन तथा अल्ट्रासाउंड कि जाती है। गर्भवती के खतरे के लक्षण जैसे – गर्भावस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सिर दर्द व धुंधला दिखना, योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि होते हैं।
जिला महिला चिकित्सालय में जांच के लिए पहुंचीं 24 वर्षीय रिंकी ने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं,कमजोर हो गई हूँ,इसलिए अंतरा लगवाई हूँ। यहाँ पर नि:शुल्क सुविधा दी गई, डॉक्टर ने हरी साग-सब्जी, फल और पौष्टिक आहार सेवन करने के बारे में बताया है। 25 वर्षीय सीमा ने बताया कि मेरे तीन बच्चे हैं अब और बच्चे नहीं चाहती, नसबंदी करवाई हूँ। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। सारी जांच और सुविधायें नि:शुल्क मिली हैं।