• 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त करने का है लक्ष्य
आजमगढ़, 9 सितम्बर 2022
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 207 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ के माध्यम से सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान 23 अगस्त से चल रहा है। पिछले 15 दिनों में टीबी के 29 नये मरीज खोजे गये और उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। अभियान के दौरान 15 दिनों में 2,07,105 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी तथा 564 लोगों के बलगम की जाँच की गयी जिसमें टीबी के नये 29 मरीज मिले हैं। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ परवेज अख्तर का।
डॉ अख्तर ने बताया की एएनएम व आशा टीम ने घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम एकत्रित किया। बलगम की जांच कर 29 नये टीबी मरीज़ों की खोज की गयी। इनका इलाज किया जा रहा है। अभियान के दौरान टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली। जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद बाद यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जोकि बहुत खतरनाक स्थिति होती है।
टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। वहीं टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
डीटीओ ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूंख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
जिला कार्यक्रम समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि जिले में इस समय 4500 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें से 332 एमडीआर टीबी के रोगी हैं | जनवरी 2022 से अब तक कुल 5216 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। 2021 में 1 करोड़ 3 लाख 98 हजार तथा 2022 में अभी तक निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को 17 लाख 90 हजार पांच सौ का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
अजमतगढ़ ब्लाक अंतर्गत सोहराभार गाँव निवासी 45 वर्षीय चन्द्रिका देवी ने बताया 23 अगस्त को मेरी जाँच हुई थी, जिसमें टीबी होने का पता चला, 26 अगस्त से मेरी दवा शुरू हो गयी है। मुझे सभी सुविधा निःशुल्क मिली है। भटौली इब्राहीमपुर निवासी 21 वर्षीय संध्या कुमारी ने बताया कि हमारी जाँच दो सितम्बर को हुई थी, टीबी निकलने के बाद मेरी दवा दो तारीख से ही शुरू हो गई है।सभी सुविधाएं निःशुल्क मिली हैं ।