स्वर्णप्राशन की एक-एक बूंद अमृत समान गुणकारी है: डॉ. डी.डी. सिंह

आजमगढ़: बच्चों के बार-बार बीमार होने से चिंतित माता-पिता के लिए अच्छी खबर है। चाइल्ड केयर क्लिनिक सिधारी में देसी नुस्खों से तैयार स्वर्णप्राशन नामक औषधि की व्यवस्था की गई है। द्रव्य रूप में उपलब्ध इस औषधि की एक-एक बूंद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाएंगी। यह औषधि हर माह पुष्य नक्षत्र में दी जा रही है।
शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि छः माह से लेकर सोलह वर्ष तक के बच्चों के बार-बार बीमार होने का कारण उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। विटामिन डी व खून की कमी हो जाती है। लंबाई पर असर पड़ता है। डॉ. डी.डी. सिंह के यहां पिछले चार वर्षों से स्वर्णप्राशन की खुराक पिलाई जा रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि शहद व देसी घी में स्वर्ण के नैनो पार्टिकल के साथ कुछ बल व बुद्धिवर्धक बूटी मिलाकर स्वर्णप्राशन औषधि तैयार की गई है। यह बच्चों के लिए काफी लाभकारी है।
शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.डी. सिंह ने 31 अक्टूबर 2018 से अब तक हजारों बच्चों को स्वर्णप्राशन की दवा पिलाई है। इसमें से कुछ बच्चों को रोग प्रतिरोधक बढ़ाने वाली सामान्य दवा दी गईं, वहीं कुछ बच्चों को पुष्य नक्षत्र में हर माह स्वर्णप्राशन औषधि पिलाई गई। साथ में योग कराया गया। स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चे, अन्य बच्चों की तुलना में कम बीमार हुए। वे ऊर्जावान भी अधिक पाए गए।
डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि सितंबर को कुपोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रामीण एरिया में शिविर लगाकर बच्चों को निःशुल्क औषधियां दी जा रही हैं और उनके अभिभावकों को पोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सेरेब्रल पाल्सी, आटिज्म व डाउन सिंड्रोम जैसी बीमारियों में स्वर्णप्राशन काफी गुणकारी सिद्ध हुआ है।
स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है। ऐसे बच्चे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें चाइल्ड केयर क्लिनिक में प्रत्येक पुष्य नक्षत्र को स्वर्णप्राशन का सेवन कराया जा सकता है। कल देर रात तक चले शिविर में पीयूष, शौर्य अग्रवाल, तेजस, मान्या, आदित्य अग्रवाल, स्वरा, अत्रि सिंह, तक्ष, शिवांश, प्रेम प्रकाश, सक्षम, अर्श, मानसी, आराध्या, ओजस, अखंड प्रताप सिंह सहित कई बच्चों को स्वर्णप्राशन की खुराक पिलाई गई। अगला शिविर पुष्य नक्षत्र के दिन 18 अक्टूबर 2022, मंगलवार को लगेगा।