कानपुर। घड़ी समूह के मालिक मुरली बाबू इस बार भी यूपी के सबसे बड़े रईस घोषित किए गए हैं. प्रदेश में 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाली हस्तियों की संख्या बढ़ गई है. अंतर्राष्ट्रीय हुरुन रिचलिस्ट में इस बार यूपी के 25 उद्योगपतियों को जगह मिली है. यह अब तक की सर्वाधिक संख्या है. पिछली सूची में यह 22 थी. हुरुन की सूची में शामिल होने के लिए न्यूनतम 1000 करोड़ रुपये की नेटवर्थ होना जरूरी है.
बुधवार को जारी सूची के मुताबिक यूपी में सबसे बड़े रईस के रूप में घड़ी समूह के मालिक मुरली बाबू इस बार भी दर्ज किए गए हैं. वह देश के अमीरों की लिस्ट में 149 वें नंबर पर हैं. पिछले साल की तुलना में उन्होंने 28 पायदान की छलांग मारी है. 2021 में उनकी नेटवर्थ 9800 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 12,000 करोड़ हो गई है. उनके भाई बिमल ज्ञानचंदानी दूसरे नंबर पर काबिज हैं, जिनकी नेटवर्थ 8,000 करोड़ रुपये है. पिछले साल वह 6600 करोड़ के साथ तीसरे नंबर पर थे.
अरबपतियों की सूची में नोएडा के आठ, आगरा के छह, कानपुर और लखनऊ के पांच-पांच उद्योगपतियों को जगह मिली है. पहली बार प्रयागराज ने भी अपनी जगह बनाई है. फिजिक्सवाला कोचिंग के अलख पांडेय ने 4400 करोड़ नेटवर्थ के साथ रिचलिस्ट में सीधे प्रवेश किया है. 25 उद्योगपतियों की सूची में पहली बार शामिल होने वाले कारोबारियों की संख्या चार है. इनमें प्रयागराज के अलख पांडेय (फिजिक्सवाला), नोएडा से याशीष दहिया (फिनटेक), आगरा के मोहम्मद आशिक कुरैशी (एचएमएल एग्रो) और कानपुर की सुशीला देवी सिंघानिया (जेके सीमेंट) के नाम हैं. कानपुर के इरशाद मिर्जा (मिर्जा टेनर्स) को पांच साल बाद दोबारा सूची में जगह मिली है.
रिचलिस्ट में शामिल प्रदेश के 25 उद्योगपतियों के पास कुल 67,200 करोड़ रुपये की संपत्ति है. पिछले साल इस लिस्ट में 22 कारोबारी थे, जिनके पास कुल 67,100 करोड़ की संपत्ति थी. साफ है कि अरबपतियों की संख्या तो बढ़ी है लेकिन पूंजी में खास इजाफा नहीं हुआ. इसीलिए उद्योगपतियों की संख्या बढ़ने के बावजूद कुल संपत्ति में इजाफा केवल 100 करोड़ रुपए ही हुआ है.