आजमगढ़:राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत 829 मरीजों का हुआ मोतियाबिंद का सफल आपरेशन

राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत 829 मरीजों का हुआ

मोतियाबिंद का सफल आपरेशन

 

• अभियान चलाकर जिले को किया जा रहा मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त – सीएमओ

आजमगढ़, 22 सितम्बर 2022

राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तीन वर्षीय राष्ट्रीय नेत्रज्योति अभियान चलाकर प्रदेश को मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त करने के निर्देश हैं। यह अभियान जून 2022 से चल रहा है। सरकार की ओर से हुए सर्वेक्षण के अनुसार कुल जनसंख्या के 1.9 फीसदी लोग मोतियाबिन्द जनित दृष्टिदोष से पीड़ित हैं। राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अन्तर्गत बैकलॉग मोतियाबिंद ऑपरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये जा रहे हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।

 

डॉ तिवारी ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में 485 मोतियाबिंद के आपरेशन तथा चयनित सात प्राइवेट अस्पतालों में कुल 344 मोतियाबिंद के आपरेशन किये गये हैं। नेत्र उपचारित मरीजों की कुल संख्या 21781 है। इसी क्रम में दृष्टि दोष के 9601 मरीज देखे गए हैं तथा आरबीएसके की टीम की ओर से 65 स्कूल के बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है।

 

उन्होंने बताया कि अभियान में प्रति वर्ष प्रति ब्लाक 360 मरीजों के आपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। जनपद में सात प्राइवेट अस्पताल क्रमशः  आई केयर हास्पिटल, करतालपुर, नवजीवन ज्योति हॉस्पिटल, भंवरनाथ, आजमगढ़ आई हॉस्पिटल, हायडील चौराहा, सिधारी, खेतान हॉस्पिटल, मुकेरीगंज, जीवन निधि हॉस्पिटल, बेलैसा तथा जयसिंह हॉस्पिटल करतालपुर सुचीबद्ध  हैं, जिनमें प्रत्येक अस्पताल का एक वर्ष का लक्ष्य 3000 आपरेशन का रखा गया है। जो अस्पताल चिन्हित नहीं हैं, उन्हें चिन्हित करने का भी कार्य किया जा रहा है। अभियान के दौरान कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ उमा शरण पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टि एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत  जनपद में 2024-25 तक तीन वर्षीय “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 16 फीसदी नागरिकों के नेत्रों की स्क्रीनिंग कर पंजीकृत किया जा रहा है, जिससे पंजीकृत लाभार्थियों का अधिक से अधिक ऑपरेशन कर जनपद को मोतियाबिन्द मुक्त किया जा सके।

सर्वप्रथम कार्ययोजना बनाने से प्रारम्भ करते हुए ग्राम स्तर पर उपलब्ध आशा, एमपीए एएनएम के द्वारा कराये गये मोतियाबिन्द ग्रसित मरीजों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके आधार पर उपलब्ध डाटा के अनुसार सभी ब्लाकों में राजकीय /एनजीओ/तकनीकी रूप से निजी चिकित्सक से अधिक से अधिक मोतियाबिन्द ऑपरेशन कराने की कोशिश जारी है। इसके अलावा कार्यक्रम में आरबीएसके के नेत्र सहायकों तथा  हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टरों के माध्यम से मोतियाबिन्द से ग्रसित मरीजों की प्राथमिक स्क्रीनिंग भी की जा रही है। जिससे ब्लाक एवं जनपद को मोतियाबिन्द बैकलॉग मुक्त कराया जा सके।