आजमगढ़ : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत, स्माइल ट्रेन प्रोग्राम की समन्वय बैठक सम्पन्न 

 

 

• कटे होंठ व तालू वाले बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है स्माइल ट्रेन प्रोग्राम

 

आजमगढ़, 26 सितम्बर 2022

शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में कटे होंठ व तालू वाले बच्चों के लिए सावित्री हास्पिटल एंड रिसर्च  सेंटर, गोरखपुर के सहयोग से एक समन्वय बैठक का आयोजन हुआ। मजबूत राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से बच्चों को स्वस्थ व बीमारी रहित रखने के लिए  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्माइल ट्रेन प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में चिन्हित कर समुचित उपचार उपलब्ध कराना है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।

 

डॉ तिवारी ने बताया कि स्माइल ट्रेन प्रोग्राम के तहत 45 बच्चों का पंजीकरण किया गया है। जिसमें अभी तक 17 बच्चों का आपरेशन कराया गया है।  स्माइल ट्रेन प्रोग्राम कटे होंठ व तालू वाले बच्चों के लिए जिले में वरदान बनकर आई है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम  के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई प्रसाद ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत 4-डी जैसे  जन्मजात दोष/ विकार, अभाव (कमियां), बीमारी और दिव्यांगता सहित विकास में देरी जैसी बच्चों में पायी जानी कमियों को चिन्हित कर निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। वार्षिक दर पर देश में जन्म लेने वाले 100 बच्चों में से छः से सात फीसदी बच्चे जन्म विकार संबंधी समस्या से ग्रस्त होते हैं। सभी ब्लाकों की आरबीएसके टीम को निर्देशित किया गया है कि वह अपने क्षेत्र के कटे होंठ और तालू वाली समस्या के बच्चों को लाकर पंजीकरण कराएं। हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिल सके। स्माईल ट्रेन प्रोग्राम से इलाज संबद्धता ने सैकड़ो बच्चों व उनके परिजनों को मुस्कान दी है।

सावित्री हास्पिटल एंड रिसर्च  सेंटर, गोरखपुर के डॉ हसन फरीद ने  बच्चों के पोषण पर विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा बताया कि यह बीमारी मां के गर्भ के दौरान भ्रूण के चेहरे के विकृत विकास के कारण होती है। कुछ बच्चों ऐसे होते हैं जिनके होंठ पर केवल थोड़ा सा कटाव होता है, वहीं कुछ में यह दरार काफी ज्यादा होती है।ऐसे गरीब परिवार जो कभी अपने बच्चों के इस विकार के प्रति मायूस हो चुके थे, उन्हें अब यकीन हो गया है कि उनका बच्चा भी अन्य बच्चों की तरह पढ़ाई-लिखाई कर सकेगा तथा वह बच्चा सामान्य जिंदगी भी जी सकेगा।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीइआईसी मैनेजर डॉ आरिफ जमाल ने बताया कि यह एक जन्मजात बीमारी है, इससे दांतों की समस्या, कुछ सालों बाद बोलने में परेशानी होना, साँस लेने में कठिनाई होना तथा खाने में परेशानी होने लगती है। प्रायः यह देखा गया है कि इन बच्चों में जन्मजात दिल की बीमारी होती है।

अजमतगढ़ ब्लाक अंतर्गत निवासी 13 वर्षीय संजना ने बताया कि हमारे होंठ और पिछले तालू का आपरेशन हो गया है, अभी आगे के तालू का आपरेशन बाकी है, कुछ समय बाद होगा, मुझमें अब काफी सुधार है, सारी सुविधायें निःशुल्क मिली हैं। हर्रैया ब्लाक अंतर्गत गाँव देवरारा खास निवासी तीन माह के प्रत्यूष के पिता प्रमोद कुमार ने बताया कि सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं, यह जब पांच महीने का हो जायेगा तो आपरेशन होगा।

इस कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अब्दुल अजीज, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी सहित जनपद के 16 डाक्टर, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, लाभार्थी सहित कुल 28 लोग उपस्थित रहे।