रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और शहर विधायक आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में चोरी का माल कहां छिपा है, इसका पता लगाने के लिए अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व हेम सिंह फोर्स के साथ यूनिवर्सिटी पहुंच गए हैं. उन्होंने निरीक्षण शुरू कर दिया है. एडीएम कोर्ट के निरीक्षण पर यूनिवर्सिटी पहुंचे हैं. एडीएम की रिपोर्ट के आधार पर ही अदालत यह तय करेगी कि पुलिस को जौहर यूनिवर्सिटी में तलाशी अभियान चलाने की अनुमति दी जाए या नहीं.
सिविल लाइंस पुलिस ने एक वायरल वीडियो के आधार पर 18 सितंबर को शहर विधायक आजम खां के बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के दो दोस्तों अनवार और सालिम को गिरफ्तार किया था. सवा दो माह पहले जुआ खेलते युवकों का वीडियो प्रसारित हुआ था. पुलिस ने तब ही मुकदमा दर्ज कर लिया था. दो माह की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने पाया कि जुआ खेलने वाले युवक अब्दुल्ला आजम के दोस्त हैं. इन्हें गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की गई तो इन्होंने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई.
इसके बाद इनकी निशानदेही पर पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी में छापा मारकर नगर पालिका की सफाई मशीन और मदरसा आलिया से चोरी की गई किताबें बरामद की. पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि नगरपालिका के दो कर्मचारियों को अभिलेख जलाने का आरोप में जेल भेजा है. पुलिस को उम्मीद है कि यूनिवर्सिटी में और भी माल बरामद हो सकता है. इसके लिए उसने अदालत से सर्च वारंट मांगा है, लेकिन अदालत ने सर्च वारंट जारी करने से पहले जिलाधिकारी से तीन मजिस्ट्रेटों का पैनल मांग लिया.
इसके बाद अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व हेम सिंह को जिम्मेदारी सौंपी. एडीएम यह पता लगा रहे हैं कि यूनिवर्सिटी में कहां चोरी का माल मिलने की उम्मीद है. इसके बाद अदालत को रिपोर्ट देंगे. यह पता लगाने के लिए एडीएम सोमवार को जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गए. उनके साथ सिटी मजिस्ट्रेट सत्यम मिश्रा, उप जिलाधिकारी सदर निरंकार सिंह और फोर्स भी है. एडीएम ने बताया कि अभी वह निरीक्षण कर रहे हैं इसके बाद अदालत को रिपोर्ट देंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही अदालत पुलिस के प्रार्थना पत्र पर फैसला लेगी.