लखनऊ:मृतक आश्रित कोटे में पांच साल बाद नौकरी पाना किसी भी व्यक्ति का अधिकार नहीं,

बड़ी खबर

मृतक आश्रित कोटे में पांच साल बाद नौकरी पाना किसी भी व्यक्ति का अधिकार नहीं,
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस संबंध में जरूरी निर्देश किए गए जारी,
शासन ने ऐसे मामलों के शीघ्र निस्तारण के दिए आदेश

बताते चले की किसी भी कार्मिक की मृत्यु होने के पांच साल के भीतर उनके आश्रित को विभाग के स्तर से दी जा सकती है नौकरी,
पांच साल से ज्यादा अवधि बीतने पर मुख्यमंत्री ही नियमों को कर सकते हैं शिथिल …. या दे सकते हैं राहत

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाना अधिकार नहीं है

गौरतलब हैं की प्रदेश के कार्मिक विभाग ने एक अगस्त को जारी एक आदेश में कहा था कि माता-पिता यदि सरकारी नौकरी में है तो उसका वारिस अनुकंपा पर नियुक्ति पाने के लिए नहीं होगा हकदार ….. मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी पाने वालों को इसके लिए देना होगा शपथ पत्र की सरकारी नौकरी में नहीं है मौजूदा अभिभावक

कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि जनवरी 1999 में इस संबंध में स्पष्ट नीति की जा चुकी है जारी

इन नीति के मुताबिक माता-पिता यदि दोनों सरकारी नौकरी में हैं और इनमें से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, ऐसी स्थिति में उसका वारिस मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी पाने का नहीं होगा हकदार

कार्मिक विभाग ने कुछ मामलों में शिकायत मिलने के बाद इस संबंध में स्पष्टीकरण किया था जारी