वाशिंगटन। अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआइ) और साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि चीन कोरोना वायरस की वैक्सीन और उपचार से संबंधित शोध की जानकारी चुराने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक एफबीआइ और होमलैंड सुरक्षा मंत्रालय चीनी हैकरों के खिलाफ चेतावनी जारी करने की तैयारी में हैं।
सार्वजनिक चेतावनी का मसौदा तैयार हो गया है और अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में उसे जारी कर दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि चीन के शातिर हैकर्स कोविड-19 के मरीजों के इलाज, जांच और वैक्सीन से संबंधित डाटा और महत्वपूर्ण बौद्धिक संपत्ति को भी चुराने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये हैकर्स चीन की सरकार से जुड़े हैं।
ट्रंप प्रशासन के पूर्व और मौजूदा अधिकारियों ने कहा कि चेतावनी इसलिए जारी करने का फैसला किया गया है, क्योंकि देश की सरकारी और निजी कंपनियां कोविड-19 महामारी की वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। अमेरिकी अधिकारी इन कंपनियों को ईरान, उत्तर कोरिया, रूस और चीन के हैकरों को लेकर आगाह करेंगे। अखबार के मुताबिक अमेरिकी एजेंसियां साइबर हमलों के खिलाफ अभियान छेड़ सकती हैं। इन एजेंसियों में पेंटागन के साइबर कमांड और नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी शामिल है। पिछले सप्ताह ही ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त रूप से संदेश जारी कर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों के खिलाफ साइबर अटैक को लेकर आगाह किया था।
कोरोना को लेकर चीन पर आरोप लगाता रहा है अमेरिका
कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका बहुत पहले से ही चीन पर आरोप लगाता रहा है। ट्रंप प्रशासन ने यह भी आरोप लगाया था कि चीन ने पहले दुनियाभर में कोरोना फैलाया और उससे पैदा हुए हालात का लाभ उठा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इसी महीने कहा था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से निकला था और अमेरिका के पास इस संबंध में पर्याप्त सुबूत हैं।