आजमगढ़, 21 अक्टूबर 2022
दीया, मोमबत्ती, पटाखे और मिठाइयां, यह सब दीपावली के उत्सव को खास बनाते हैं। खुशियों के इस त्योहार में सभी को अपनी सेहत को लेकर भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। दीपावली के पटाखों से वातावरण में स्वाभाविक रूप से ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। यह दोनों ही सेहत को नुकसानदायक है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।
डॉ तिवारी ने बताया कि त्योहार पर हर तरह के आपातकाल के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता से तैयार है। इसके तहत मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी स्तर पर इमरजेंसी व्यवस्था को सक्रिय और प्रभावी बनाते हुए 24 घंटे सेवा दी जाएगी। साथ ही संवेदनशील स्थानों पर चिकित्सकीय सुविधा सहित एम्बुलेंस तैयार रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि पटाखों के जलने से निकलने वाला धुआं, अस्थमा, हृदय और सांस के रोगियों के साथ ही गर्भावस्था के शिशुओं के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।
सीएमओ डॉ तिवारी ने कहा कि पटाखों से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने के कारण दीर्घकालिक नुकसान का खतरा बढ़ जाता है| यह फेफड़ों की तमाम बीमारियों को बढ़ाने के साथ गंभीर स्थितियों में फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है| इन बातों को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को दिवाली पर विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है| दीपावली के बाद बादल में धुंध जैसा छा जाता है और हवा की गुणवत्ता के संपर्क में लंबे समय तक रहने वाले लोगों में फेफड़ों से संबंधित रोगों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है| जो पहले से बीमार लोगों के लिए यह और भी गंभीर हो सकता है| पटाखों के धुंए के कारण बिगड़ी हवा की गुणवत्ता एलर्जी के रोगियों,अस्थमा या सीओपीडी वाले लोगों के लिए और भी समस्याएं खड़ी कर सकता है| साथ ही गर्भ में पल रहे शिशुओं के लिए पटाखों की ध्वनि और उससे निकलने वाले धुएं में कई ऐसे हानिकारक रसायन होते हैं जो शरीर के अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं| लोगों से यह अपील है कि दीपावली मेंउच्च ध्वनि और अधिक धुएं वाले पटाखों का इस्तेमाल न करें, बुजुर्गों और गर्भवती को ध्यान रखते हुये त्योहार मनायें|
पटाखों से बचाव – मास्क लगाकर रखने से वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी और पटाखों से निकलने वाले धुएं से सुरक्षित रहा जा सकता है| जिन लोगों को सांस की समस्या है उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए| दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें जिससे आप धुंए से सुरक्षित रह सकें।
पटाखों को हमेशा खुले स्थानों पर दूर से जलाएं| पटाखे जलाते समय प्रदूषण रोधी मास्क पहनें, साथ ही वृद्ध लोगों, अस्थमा, सीओपीडी और फेफड़ों के रोगी इससे दूर रहें| यह नवजात और बच्चों के लिए हानिकारक है इसलिए तेज आवाज करने वाले पटाखों से इन्हें दूर रखें|