आजमगढ़ : इस दीपावली पर बच्चों को डीएम ने दिया महत्वपूर्ण सम्बन्ध, आप को जरुर जानना चाहिए

प्रेस नोट
आजमगढ़ 22 अक्टूबर– जिला आपदा विशेषज्ञ डॉ0 चंदन कुमार ने बताया कि प्रायः वायु प्रदूषण सर्दियों के दौरान गंभीर स्वास्थ्य समस्या का रूप धारण कर लेता है, वायु प्रदूषण से बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है। लोग इसी अवधि के दौरान प्रकाश उत्सव ’दीपावली’ को भी काफी धूम-धाम से मनाते हैं। लंबे समय से चली आ रही प्रथा को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर लोग पटाखे जलाकर ही दीपावली मनाना पसंद करते हैं। पटाखों में कई ज्वलनशील रसायन होते हैं, जिनमें पोटेशियम क्लोरेट पाउडर वाला अल्युमीनियम, मैग्नीशियम, बेरियम, तांबा, सोडियम, लिथियम, स्ट्रोंटियम इत्यादि शामिल होते हैं और इन रसायनों के जलने पर तेज आवाज/ध्वनी के साथ बहुत ज्यादा धुंआ भी निकलता है। इस धुंए और आवाज से बच्चों एवं बुजुर्गों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं गंभीर हो जाती हैं। इतना ही नहीं, यह धुंआ पशुओं और पक्षियों के लिए भी नुकसानदेह होता है। इन प्रतिकूल प्रभावों के साथ-साथ दीपो के त्योहार के महत्व को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित दीपावली मनायी जानी चाहिए, इस हेतु आमजन मानस को समझदारी से त्यौहार मनाये जाने हेतु जिला प्रशासन, आजमगढ द्वारा अपील की गयी है।
उन्होने कहा कि दीपावली ज्योति/प्रकाश का पर्व है, इसलिए मिट्टी के दीये के साथ पटाखों का कम उपयोग करें, यदि बहुत आवश्यकता हो तो कम ध्वनि एवं कम ज्वलनशील पटाखें ही जलायें। आधे जले या न जल सकने वाले पटाखे को पुनः जलाने का प्रयास बिल्कुल ना करें। हवा में उड़ने वाले पटाखों को जलाने से परहेज करें। पटाखों को शरीर से दूर रख कर जलायें। घर के अदंर पटाखें न जलायें। पटाखे जलाते समय ढीले या सिंथेटिक कपड़े न पहनें, सम्भव हो सके तो ज्यादा तर सूती कपड़े का प्रयोग करें। पटाखे जलाते समय पास में पानी से भरी बाल्टी अवस्य रखे जले हुये पटाखों को पानी की बाल्टी में डाल दें। प्राथमिक उपचार हेतु आंख में जलन होने पर आंखों को ठण्डे पानी से धोंये व चिकित्सकों का सलाह लें। घायल व जले हुये व्यक्ति को अग्नि वाले स्थान से हटाये। जले हुए हिस्से पर कोलगेट टूथ पेस्ट/वरनाल/आलू का लेप लगायें। जले हुए भाग पर राख, मिट्टी या पाउडर, बटर, ग्रीस तथा अन्य पदार्थ न लगायें। जले हुए भाग को साफ सूती कपड़ों से ढक कर रखें। प्राथमिक उपचार के बाद अथवा अधिक जल जाने की स्थिति में पीड़ित को नजदीकी अस्पाल में तत्काल दिखायें।
उक्त से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या अथवा जानकारी के लिए आपदा प्रबंधन कन्ट्रोल रूम नम्बरः-9454417172 सम्पर्क कर सकते हैं।

—-जि0सू0का0 आजमगढ़-22-10-2021—–