नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के लिए हमेशा से बदनाम रही है। पाकिस्तान के आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे बड़े खिलाड़ी हैं, जो किसी न किसी तरह से इस खेल को कलंकित करते रहे हैं। अब पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान रमीज राजा ने एक सुझाव दिया है, जिससे मैच फिक्सिंग को रोका जा सकता है, लेकिन रमीज राजा का ये सुझाव काफी विचित्र है।
दरअसल, रमीज राजा ने सुझाव दिया है कि मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए खिलाड़ियों पर लाइ डिटेक्टर का प्रयोग किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ी रमीज राजा का ये बयान उस समय पर आया जब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने अपनी टीम के खिलाड़ी उमर अकलम को तीन साल के लिए बैन किया है, जबकि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने विकेटकीपर बल्लेबाज शफीकउल्लाह शफाक को 6 साल के लिए बैन किया है।
क्रिकेट पाकिस्तान ने रमीज राजा के हवाले से कहा है, “काश, इस इरादे की गणना करने के लिए एक उपकरण होता, ठीक उसी तरह जैसे तापमान लेने वाले उपकरण कोविद -19 के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हम आसानी से रेड फ्लैग प्लेयर्स को पकड़ सकते थे जो आगे चलकर फिक्सर बन सकते थे।”
उन्होंने कहा है, “एक लाइ-डिटेक्टर टेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिस तरह डोप टेस्टिंग के लिए रैंडम सैंपल लिए जाते हैं, उसी तरह हमें रैंडम झूठ डिटेक्टर टेस्ट भी करने चाहिए। हमें नियमित सीजन में यह पता लगाना चाहिए कि क्या खिलाड़ी कभी मैच फिक्सिंग में शामिल हुए हैं। यह एक बाहरी विचार है।”
“इस समस्या का हल बहुत भ्रामक है। हमारे पास नियम, कानून, अधिनियम और खिलाड़ी शिक्षा कार्यक्रम हैं, लेकिन अगर कोई खिलाड़ी फिक्सिंग करने का इरादा रखता है तो कोई भी उसे नहीं रोक सकता है। फिक्सर आमतौर पर करियर के दो महत्वपूर्ण हिस्सों में हमला कर सकते हैं। वे किसी के करियर के अंत में हमला कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। वे उस समय भी हमला कर सकते हैं जब कोई खिलाड़ी शुरू कर रहा होता है, क्योंकि उनका दिमाग उस स्तर पर प्रभावशाली होता है,” उन्होंने आगे कहा।