छत्तीसगढ़ में शहीद सीआरपीएफ जवान के पार्थिव शरीर का साहिबगंज में इंतजार, राजकीय सम्मान से होगी अंतिम विदाई
साहिबगंज। नक्सलियों से मुठभेड़ में साहिबगंज का लाल शहीद हो गया। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के मिरतुर थाना क्षेत्र में सोमवार को मुठभेड़ हुई जिसमें सीआरपीएफ के जवान मुन्ना यादव की जान चली गई। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को साहिबगंज आएगा। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। मुन्ना सीआरपीएफ की 170वीं बटालियन में कांस्टेबल थे।
लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पहले आए थे घर
महादेवगंज निवासी भुनेश्वर यादव के पुत्र मुन्ना यादव की शहादत की जानकारी शाम में जिला प्रशासन को दी गई। इसके बाद मुफस्सिल थाना प्रभारी कैलाश प्रसाद के साथ अन्य पुलिसकर्मी शहीद के घर पहुंचे। यह खबर मिलते ही घर में चीख पुकार मच गई। थाना प्रभारी ने परिजनों को सांत्वना दी। कैलाश प्रसाद ने बताया कि शहीद का पाॢथव शरीर मंगलवार को यहां लाया जाएगा तथा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
2011 में हुई थी नौकरी
लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पूर्व मुन्ना घर आए थे। सीआरपीएफ में 2011 में उनकी नौकरी हुई थी। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े भाई हरेराम यादव व छोटे भाई पवन यादव खेतीबारी करते हैं। मुन्ना यादव की शादी 2009 में शोभनपुर डेरा की नेताई देवी से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी सोनी कुमारी की उम्र सात साल और बेटे मनीष यादव की दो साल है। मुन्ना यादव की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय महादेवगंज में हुई। राजस्थान इंटर कॉलेज से मैट्रिक व इंटर किया। हरेराम ने बताया कि लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पूर्व मुन्ना चार दिन की छुट्टी लेकर आए थे और लॉकडाउन लगने से दो दिन पूर्व चले गए।