सरकारी कर्मचारियों के लिए कई बड़ी खुशखबरी लेकर आ सकता है नया साल …….
नए साल में जहां एक तरफ सैलरी से जुड़े कई बड़े फैसले पर मुहर लगने की चर्चा है जोरो पर वहीं ….
दूसरी तरफ पेंशन और मैटरनिटी लाभ में भी बढ़ोतरी के हैं आसार…….
बताते चलें की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को पेश करेंगी अगले वर्ष का बजट …….इसके साथ ही बजट की भी तेजी से चल रही है तैयारियां ….इस बीच बड़े अर्थशास्त्रियों ने अगले वित्त वर्ष के बजट से पहले सोशल सिक्योरिटी के तहत पेंशन बढ़ाने और मैटरनिटी लाभ के लिए पर्याप्त प्रावधान करने की …. की है मांग ……
अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री से सोशल सिक्योरिटी के तहत पेंशन बढ़ाने और मैटरनिटी लाभ के लिए पर्याप्त प्रावधान करने की ….की है मांग …..इसके लिए उन्होंने वित्त मंत्री को लिखा है लेटर…. इस लेटर पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमती जताने वालों में दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के मानद प्रोफेसर ज्यां द्रेज, कैलिफोर्निया बार्कले यूनिवर्सिटी के मानद प्रोफेसर प्रणब बर्धन, मुंबई स्थित इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर आर नागराज, आईआईटी दिल्ली में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रीतिका खेरा, जेएनयू के मानद प्रोफेसर सुखदेव थोराट समेत अन्य हैं शामिल …….
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में एनएफएसए मानदंडों के तहत मातृत्व अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किए जाने की भी की है मांग ….. इसके लिए कम-से-कम 8,000 करोड़ रुपये की होगी जरूरत ……..
न्यूज एजेंसी भाषा की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों ने पत्र में यह बताया है कि उन्होंने इससे पहले 20 दिसंबर, 2017 और 21 दिसंबर, 2018 को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी लिखा था पत्र …..
उन्होंने इस लेटर में लिखा है, ‘पत्र के जरिए हम आपको फिर से याद दिला रहे हैं. हमने अगले केंद्रीय बजट के लिए 2 प्राथमिकताओं को चिह्नित करने की ….. की है कोशिश इसमें पहला, सोशल सिक्योरिटी के लिए पेंशन में वृद्धि और दूसरा पर्याप्त मैटरनिटी लाभ का है प्रावधान …….
पत्र में यह भी लिखा गया है कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों की पेंशन में केंद्र सरकार का योगदान 2006 से महज 200 रुपये प्रति माह पर बना हुआ है स्थिर….. जबकि यह ठीक नहीं है ….. केंद्र सरकार के योगदान को तुरंत बढ़ाकर कम-से-कम 500 रुपये किया जाना चाहिए…….बढती महंगाई को देखते हुए पहले भी पेंशनर्स की तरफ से होती रही है यह मांग ……
लेटर में कहा गया है…..मौजूदा 2.1 करोड़ पेंशनभोगियों के आधार पर इसके लिए एडिशनल 7,560 करोड़ रुपये के करीब प्रावधान की है जरूरत ….. इसी प्रकार विधवाओं के लिए पेंशन 300 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर की जानी चाहिए 500 रुपये प्रति महीने …. इसमें बताया गया है कि विधवाओं के लिए पेंशन मद में 1,560 करोड़ रुपये की आएगी लागत ……..