कोरोना से नहीं प्रशासन की लापरवाही से जाएगी इन मजदूरों की जान

छतरपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से तो मजदूर बच रहे हैं लेकिन सड़क हादसों में लगातार मजदूरों की जान जा रही है। पहले औरंगाबाद, फिर गुना और अब छतरपुर जिले में मजदूरों के साथ हादसा हो गया। इससे मजदूरों को मिलने वाली मदद के सारे दाबे झूठे साबित हो रहे हैं और उनकी कमियां और लापरवाहियां उजागर हो रही है। ताजा मामला छतरपुर जिला मुख्यालय जिला अस्पताल का है जहां घायल मजदूरों के आने के पर पहले तो उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट के लिए मना कर दिया पर जब लोगों का दवाब पड़ा तो जैसे-तैसे उन्हें एडमिट किया पर इलाज नहीं किया।

इसके बाद शिकायत पर उनका इलाज देर से तो शुरू हुआ पर दवा और जांच के नाम पर उन्हें पर्चे पकड़ा दिए गये। विपदा के मारे घायलों के पास ज़हर खाने को पैसे न थे तो दवा और जांच कहां से कराते। भूखे प्यासे घायल महिलाएं और बच्चे विलाप करने लगे जिसकी जानकारी शहर के समाजसेवियों को लगी। जिन्होंने तत्काल पहुंचकर उनकी मदद की खाना-पीना बिस्किट लेकर पहुंचे और अपने पैसों से बाहर मेडिकल की दवाईयां लाकर दी। सिटी स्कैन न हो पाने की स्थिति में महिला SDM प्रियांसी भंवर को सूचना दी गई जिसपर उन्होंने तत्काल सिटी स्कैन खुलवाकर फ्री में सिटी स्कैन करवाया।