आजमगढ़ : एक बार फिर एम्बुलेंस में गूंजी किलकारी, छह महीने में 108 एम्बुलेंस में हुए 18 सुरक्षित प्रसव
• आकस्मिक परिस्थतियों में आशा की मदद से टेक्नीशियन कराते है एम्बुलेंस में सुरक्षित प्रसव
आजमगढ़, 12 जनवरी 2023
जनपद में एंबुलेंस स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती व गर्भ में पल रहें शिशुओं के लिए जीवनदाता साबित हो रही हैं| आकस्मिक परिस्थतियों में एम्बुलेंस में टेक्नीशियन सुरक्षित प्रसव कराते है| सोमवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया जब गर्भवती के परिवार की ओर से सूचना के ठीक 15 मिनट के अन्दर 108 एंबुलेंस पहुंची| घर से एंबुलेंस चली ही थी कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई| मेडिकल टेक्नीशियन ने सूझबुझ दिखते हुये बिना समय गवाएं आशा की मदद से एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करायाऔरउन्हें जिला महिला चिकित्सालय पहुंचाया| अब जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं|
काकरहाता गाँव ब्लॉक पल्हनी कि आरती 25 वर्षीय की (भाभी) ने बताया कि डिलीवरी का समय पूरा होने में 20 दिन बाकी था| सोमवार की रात करीब 12 बजे आरती को प्रसव पीढ़ा होने लगी | गांव में रात को कोई सुविधा नहीं मिलती है,इसलिए 108 एंबुलेंस को घर वालों ने फोन किया| लगभग 15 मिनट में एंबुलेंस घर आ गई और अस्पताल के लिए चल दी |गर्भवती को रास्ते में ही तेज प्रसव पीढ़ा होने लगी| आरती की असहनीय पीढ़ा को देख एंबुलेंस के टेकनीशियन ने आशा की मदद से एंबुलेंस में ही प्रसव कराया| और फिर जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया | अब मां और बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ है| |
इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (इएमटी) अमर बहादुर ने बताया कि रात करीब 12.30 पर पल्हनी ब्लॉक के गांव जाना हुआ | गर्भवती आरती को लेकर चिकित्सालय के लिए तुरंत निकलना पड़ा लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा तेज होने के कारण जच्चा–बच्चा की जान की सुरक्षा के लिए,प्रसव एंबुलेंस में ही कराया गया| जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित हैं| प्रसव कराने के बाद जच्चा और बच्चा दोनों को भर्ती कराया गया है |
एंबुलेंस 102 और 108 के जिला प्रभारी अजय राय ने बताया की जिले में 102 एंबुलेंस संख्या 52 और 108 एंबुलेंस की संख्या 51 है। 102 से छ:माह से अब तक 59432 मरीजों को और 108 के एंबुलेंस से 45618 सेवा दी गई हैं| जबकी पिछले छह महीने में 108 एंबुलेस में ही 18 सुरक्षित प्रसव कराया गया है| इएमटी को 45 दिनों तक प्रशिक्षित करने के बाद ही एंबुलेंस में तैनात किया जाता है| प्रशिक्षण के दौरान उन्हें इंजेक्शन लगाना,फर्स्ट एड देना,प्रसव, हार्टअटैक के बाद क्या-क्या करना है,आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है| प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही उन्हें एंबुलेंस पर तैनात किया जाता है|