राजस्थान सरकार ने जापान, अमेरिका, कोरिया के राजदूतों से संपर्क कर राजस्थान में निवेश का दिया आमंत्रण
जयपुर। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रदेश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने एवं रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए राजस्थान सरकार जापान, दक्षिण कोरिया,अमेरिका एवं आस्ट्रेलिया की कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करने में जुटी है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से बाकयदा कंपनियों को प्रस्ताव भेजा गया है। इन चारों देशों के भारत में राजदूतों को राज्य सरकार ने पत्र लिखकर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है
राज्य के उधोग मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि करीब 1000 कंपनियां चीन छोड़कर भारत में निवेश करने पर विचार कर रही है। इनमें से 300 कंपनियां भारत में फैक्ट्री लगाने को लेकर गंभीरता से सोच रही है। राजस्थान सरकार चाहती है कि इनमें से अधिक से अधिक कंपनियां राज्य में निवेश करे। राजस्थान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के निकट होने के साथ ही अन्य आवश्यक संसाधनों के लिहाज से भी इन कंपनियों के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
विदेशी कंपनियों के दिलचस्पी लेने पर राज्य सरकार दिल्ली के निकट के जिलों अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं व जयपुर में नये औधोगिक क्षेत्र भी विकसित कर सकती है। उधोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.सुबोध अग्रवाल ने अमरीका, दक्षिण कोरिया, जापान एवं आस्ट्रेलिया के राजदूतों को पत्र लिखकर यह भरोसा दिया है कि राज्य सरकार उन्हे हर तरह से मदद करेगी।
कोरियाई कंपनियों में ज्यादा दिलचस्पी
राज्य सरकार कोरियाई कंपनियां को राज्य में लाने में अधिक दिलचस्पी ले रही है। अग्रवाल ने कोरिया के रिपब्लिक आॅफ कोरिया के राजदूत शिप बोंगकिल को पत्र लिखकर कहा है कि यदि वे चाहें तो राज्य सरकार डेडिकेटेड कोरयन इन्वेंस्टमेंट जोन (केआईजेड) विकसित करने को तैयार है। राज्य सरकार ने सभी देशों के राजदूतों को भरोसा दिलाया है कि यदि उनके यहां की कपंनियां यहां आती है तो सभी के लिए अलग-अलग जोन विकसित कर दिए जाएंगे ।
जानकारी के अनुसार लॉकडाउन खत्म होने के बाद उधोग विभाग के अधिकारियों की एक टीम इन देशों के राजदूतों से मिलने के साथ ही चीन छोड़ने में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियों के प्रबंधन से बात करेगी। कुछ से बातचीत शुरू भी की गई है। लॉकडाउन के कारण बिगड़ी राज्य की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए घरेलू कंपनियों से भी संपर्क साधना शुरू किया गया है। पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार अरविंद मायाराम यह काम देख रहे हैं।