मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है कि सरकारी कर्मचारियों और आपात सेवा में जुटे कर्मचारियों के लिए 17 मई के बाद से दिल्ली में मेट्रो ट्रेनें चलाए जाने की इजाजत दी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में उन्होंने सलाह दी है कि सैलून, सिनेमा हॉल, नाई की दुकानें और धार्मिक स्थलों को बंद रखा जाए।
इस बीच, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) आदेश मिलते ही परिचालन शुरू करने के लिहाज से तैयारियों में जुट गया है। मेट्रो यात्रियों के शरीर का तापमान जांचने, सीटों और प्लेटफॉर्म के फर्श पर दो गज की दूरी के संबंध में स्टीकर चिपकाने आदि में जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कार्यस्थलों पर आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना और उसका उपयोग करना अनिवार्य किया जाएगा। रात नौ बजे से सुबह पांच बजे के बीच आपात सेवाओं के अतिरिक्त अन्य लोगों की आवाजाही पर पाबंदी होगी।
अपने पत्र में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि 17 मई के बाद चार पहिया वाहनों में ड्राइवर के अलावा दो लोगों को बैठने और दो-पहिया वाहनों पर सिर्फ एक व्यक्ति के यात्रा करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने अनुरोध किया है कि दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के लिए दिल्ली मेट्रो ट्रेन सेवा सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे तक और शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक चलायी जाए।
दिल्ली मेट्रो में अभी तक सामान्य दिनों में औसतन प्रतिदिन 26 लाख यात्री यात्रा करते थे। दिल्ली मेट्रो की सेवा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके बाद कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बंद है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कुछ स्पष्ट नहीं है कि मेट्रो ट्रेनें कब से चलनी शुरू होंगी। इसबीच, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज कहा कि यदि केन्द्र अनुममति दे तो आप सरकार पूरे एहतियात के साथ शहर में सार्वजनिक परिवहन शुरू करने के लिए तैयार है।