UP ने बॉर्डर बंद किया तो बैरिकेड तोड़कर घुसे हजारों मजदूर, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

रीवा/दतिया: मजदूरों के पलायन दौरान बहुत सी घटनाएं सामने आ रही है। रविवार को एमपी-यूपी  जमा हजारों प्रवासी मजदूरों को चाकघाट बार्डर पर रोका तो उनके सब्र का बांध टूट गया।बसों की पर्याप्त व्यवस्था न होने से आक्रोशित 10 हजार से ज्यादा श्रमिकों ने बैरिकेड तोड़े और यूपी में प्रवेश कर गए। दरअसल, लगातार सड़क हादसों में मजदूरों की हो रही मौत को लेकर यूपी सरकार ने निर्णय लिया था कि अब कोई भी श्रमिक पैदल या अवैध वाहनों से नहीं आ पाएंगे।

इसी कड़ी में शनिवार को प्रयागराज कलेक्टर ने चाकघाट पहुंचकर रीवा एसपी से प्रवासी श्रमिकों की व्यवस्था को लेकर रणनीति तैयार की थी। लेकिन इन श्रमिकों को यूपी ले जाने के लिए शनिवार रात यूपी से सिर्फ 10 बसें ही पहुंच पाईं। कुछ मजदूरों को तो बसों से भेज दिया गया और बहुत से वहीं रह गए। एक अनार सौ बीमार की कहावत वहां देखने को मिली इससे मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया और अन्य बचे श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था न होने से आक्रोश बढ़ने लगा। माहौल को देखते हुए रीवा से 23 बसों को रवाना किया गया था, लेकिन इनके पहुंचने से पहले ही मजदूरों ने पथराव व चक्काजाम कर दिया। मामला बिगड़ा तो पुलिस ने इन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजीं और इन्हें हटा दिया।
इससे पहले कई मजदूरों को मिर्जापुर सीमा की ओर डायवर्ट करने का प्रयास भी किया गया था। लेकिन इस मार्ग पर कम मजदूर ही गए और चाकघाट में बड़ी संख्या में मजदूरों की भीड़ मौजूद रही। देर रात हुए हंगामे के बाद यूपी से तीन बसें और रीवा से 23 बसें पहुंचीं। इनसे मजदूरों को रवाना किया गया। लेकिन इसके बाद भी वहां काफी भीड़ रही।

ऐसा ही माहौल दतिया जिले में भी देखने को मिला जब यूपी सीमा सील करने से दतिया में 10 किमी तक वाहनों की कतार लग गई। घंटों बॉर्डर पर फंसे मजदूर आक्रोशित हो गए और वाहनों से उतरकर पैदल बॉर्डर से निकलने का प्रयास किया। इसे देखते हुए झांसी पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए लाठी चार्ज करते हुए जौहरिया में यूपी बॉर्डर पर मजदूरों को खदेड़ना शुरू कर दिया। लेकिन यूपी पुलिस ने मजदूरों को एमपी सीमा में खदेड़ दिया, जिससे मजदूरों ने आपा खो दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। घटना की सूचना पाकर अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी और झांसी के अधिकारी बॉर्डर पर पहुंचे। दोनों जिलों के अफसरों ने बातचीत के बाद एक एक करके वाहनों को निकालने के निर्देश दिए।