आजमगढ़ : करोड़ो की जायदाद तथा विजनेस हड़पने के लिए मेरे लड़के को धोखे से तेजाब पिलाकर मारने के प्रयास देखे क्या है मामला 

करोड़ो की जायदाद तथा विजनेस हड़पने के लिए मेरे लड़के को धोखे से तेजाब पिलाकर मारने के प्रयास देखे क्या है मामला

 

 

विषयः हमारी करोड़ो की जायदाद तथा विजनेस हड़पने के लिए मेरे लड़के को धोखे से तेजाब पिलाकर मारने के प्रयास के अत्यन्त गम्भीर के मामले में अविलम्ब हमारी रपट दर्ज कराकर सर्यवाही तथा हमारी सुरक्षा के सम्बन्ध में:-

 

महोदय,

 

निवेदन है कि दिनांक 26.06.2022 को सुबह लगभग 10:00 बजे मेरे लड़के ने अपने पानी की बोतल का पानी क्या पिया फौरन चक्कर, उल्टी और गले में जलन शुरू हो गयी तथा खून की उल्टी होने लगी, तब उसे उठाकर आजमगढ़ के ए०जी०एम० हास्पिटल ले जाया गया, परन्तु यहां लेने से मना कर दिया गया, तब लाईफ लाईन हास्पिटल ले गये, वहां से भी रिफर होने पर उसी दिन रमा हास्पिटल, आजमगढ़ में भर्ती हुआ, कुछ दिन बाद डिस्चार्ज होकर घर आया, परन्तु लगभग तीन महीना इलाज चलता रहा, तबियत खराब ही रही। अन्ततः हालत बहुत खराब हो गयी, तब फ्लाईट से दिनांक 11.10.2022 को मुम्बई ले जाया गया यहा के साई हास्पिटल में भर्ती किया तो यहां बताया गया कि अभी तो आवाज ही चली गयी है, और देर होती तो सांस भी चली जाती, भर्ती करने के बाद लीलावती हास्पिटल में ले जाने की सलाह दी गयी, तब दिनांक 18.10.2022 को लीलावती हास्पिटल मुम्बई में भर्ती कराया गया, जहां पर डाक्टर ने पूछा कि पुलिस में रपट दर्ज कराया है कि नहीं बहरहाल उसका गले का आपरेशन हुआ तो सांस व खाने की नली के जोड़ का पार्ट बुरी तरह से जलकर जख्मी मिला, उसकी गम्भीरता को देखते हुए लगभग 14 घंटे गले से लेकर सीने व पेट तक का आपरेशन कर उसकी जिन्दगी बचाने का प्रयास किया गया। पिछले साढ़े तीन महीने से लीलावती हास्पिटल में भर्ती मेरे लड़के की सांस कई बार टूटती हुई प्रतीत हुई है, अब-तब की हालत में कई बार डाक्टरों ने दुआ करने की बात भी कही है, वही धोखे से तेजाब पिलाकर मीठी मौत देने का जो प्रयास किया गया उसमें मेरी बहू शबाना पत्नी स्व0 अदील अहमद तथा उसके दामाद खालिद नजीर पुत्र नजीर अहमद ग्राम भोलेपुर, हंसवर, जनपद अम्बेडकरनगर आदि के विरूद्ध अबिलम्ब रपट दर्ज कराकर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। मेरा इकलौता जीवित लड़का साढे तीन महीने से लीलावती हास्पिटल में जीवन एवं मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। अब टूटी-फूटी लड़खड़ाई आवाज में बोल भी निकल रही है, फिर भी यह खतरे से खाली नहीं है। हालांकि उसे धोखे से मौते देने के आरजूमन मेरी बहू शबाना ने लीलावती हास्पिटल में लगभग 35 लाख रूपया दिया, परन्तु लीलावती हास्पिटल का आगे का खर्च देने से मना कर दिया, तब हमने अपनी तमाम जमा पूंजी एवं उधार को खर्च करते हुए अभी तक लगभग 80-85 लाख रूपये खर्च हो चुका है। पैसे के लिए अपने नाम की प्रापर्टी बेचने का मैने प्रयास किया तो आजमगढ़ में मोहल्ला लक्षिरामपुर की मेरी बिल्डिंग पर मुल्जिमानो ने लिखवा दिया कि “यह प्रापर्टी बिकाऊ नहीं है” वहीं लखनऊ की जायदाद पर लिखवा दिया कि “प्रापर्टी विवादित है मामला न्यायालय में है”, हमारी जायदाद पर लिखा हुआ बोर्ड देखा जा सकता है।

 

उल्लेखनीय है कि लगभग ढाई वर्ष पूर्व कोरोना से मेरे पति की मृत्यु हो गयी तथा उसके 9 महीना बाद मेरा लड़का अदील अहमद भी चलवसा, उसके बाद सैकड़ो पचासो करोड़ की हमारी तमाम जायदाद को हमारी बहू शबाना और उसका दामाद खालिद नजीर अकेले ही हड़प जाना चाहते हैं। हालांकि जायदाद में न बहू के अलावा केवल मुझ बुढ़िया का हिस्सा होता है, बल्कि मेरा छोटा लड़का जैद अहमद एवं इकलौती लड़की हैना नसीम भी वारिस है। कुछ प्रापर्टी हम दोनो मां-बेटे के नाम तना भी है, यही नहीं लगभग 60 वर्ष पूर्व पंचर जोड़ने से प्रारम्भ की गयी दुकान साईकिल की एजेन्सी में तब्दील होते हुए अन्ततः 35 वर्ष पूर्व रोहोण्डा मोटरसाईकिल की ऐजेन्सी मेसर्स इस्टर्न डिस्ट्रीब्यूटर्स पहाड़पुर आजमगढ़ जो हम लोगों ने अपने दोनो बेटो अदील अहमद एवं जैद अहमद के नाम से पार्टनरशिप के तहत चला रखी है। उसकी सारी कमाई ही नहीं पूरी एजेन्सी को अकेले हमारी यह तथा उसका दामाद हड़प रहे हैं। लगता है कि बेईमानी से हड़पने के लिए उन लोगो ने जालसाजी किया है तथा मेरे लड़के को रास्ते से हटाने के लिए उसके पानी के बोतल में जानलेवा पदार्थ रख दिया था, ताकि वह मर जाय तथा मुल्जिमान उसका तथा मेरा सम्पूर्ण हिस्सा हड़प कर जाय। हमारी सैकड़ो करोड़ की पापर्टी में मुख्य शहर आजमगढ़ के मोहल्ला पहाड़पुर में हमारी हीरोहोण्डा मोटरसाईकिल की एजेन्सी तथा हमारे आवास के अलावा आजमगढ़ शहर में लक्षिरामपुर में मेरे नाम की बिल्डिंग, मोहल्ला फरासटोला में डेढ़ दर्जन फ्लैट के अलावा मुरली टाकीज के पास स्थित मेरे तथा बहू शबाना के नाम की बिल्डिंग तथा हरवंशपुर में महेन्द्रा एजेन्सी के सामने हमारी जमीन तथा ग्राम-सेठारी आजमगढ़ में फार्म हाउस है एवं लखनऊ में कई मकान, जमीन एवं बाग आदि शामिल हैं, लगभग दो दर्जन आजमगढ से लेकर लखनऊ तथा अन्य जगहों पर सभी सम्पत्तियों को एक मुश्त अकेली हमारी बहू तथा उसका दामाद एजेन्सी सहित हड़पना चाहते हैं, सारी कमाई को कब्जा कर रखे हैं। लीलावती हास्पिटल जहां मेरा लड़का भर्ती साढ़े तीन महीने से संघर्ष कर रहा है, लगभग 80-85 लाख रूपये खर्च हो चुका है, जान बचाने के लिए अभी भी काफी रूपये की आवश्यकता है, तमाम पचासों करोड़ की जायदाद रहते हुए हम लोग मुहताजी झेलने पर मजबूर है, तमाम कर्ज से मैं जूझ रही हूँ। हम लोग कुछ अर्सा पहले जनपद के सबसे बड़े टैक्स पेयर अवार्ड से सम्मानित हो चुके है, परन्तु पचासों सैकड़ों करोड़ की सम्पत्ति के चलते जान के खतरे से जूझ रहे हैं, प्रार्थिनी का लड़का जहां लीलावती हास्पिटल में भर्ती है वहीं प्रार्थिनी जान जोखिम के चलते अपना घर छोड़कर यह व उसके दामाद के डर से इधर-उधर भटकने पर मजबूर है तथा अपनी इकलौती लड़की के यहां आज-कल पनाह ली है। मेरे पति द्वारा डिपाजिट स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में 25 लाख रूपये को कागजात भी मुल्जिमान हड़पे हुए हैं तथा उनके नाम की बंदूक, पिस्टल, राइफल के बारे में क्या हेरा-फेरी किये है, कोई बताने वाला नहीं है, यहां तक कि जान के तमाम खतरों की हालत में मैंने अपनी लड़की के नाम वसीयतनामा तथा पॉवर ऑफ एटर्टानी क्या कर दिया, रजिस्ट्री के लोगों को मिलाकर जबरदस्ती चार दिन बाद ही मेरी वसीयत आदि खारिज करा दी गयी। हम मां-बेटे का कोई वजूद नहीं बचा है, कई करोड़ की तनहा मैं मालिक तथा मेरे लड़के का कोई वजूद नहीं रह गया है। मुल्जिमान के तमाम पहरे में हम जी रहे हैं, तमाम लोग हमे वाच करते हैं, यहां तक कि मैं अपनी मर्जी भी नहीं चला सकती, रजिस्ट्री आफिस मे तमाम पैसा देकर मुल्जिमान ने तमाम दरवाजे बंद कर दिये है। लीलावती हास्पिटल मुम्बई में मेरे लड़के के तीनो अटेन्डेन्ट को दरकिनार कर चुपके से मेरी बह का दामाद खालिद नजीर पहुंच गया, परन्तु केवल चार मिनट उसके पास खड़ा रहा, वहां चुपके से पहुंचने का मामला संदिग्ध बना हुआ है। हास्पिटल में सी०सी० टी०वी फुटेज में उसके चुपके से पहुंचने की फुटेज कैच हुई है, मेरे लड़के का जीवन हास्पिटल में भी असुरक्षित है। अत्यन्त अमीरी हम दोनो के लिए काल बनी हुई है, मेरे बेटे जैद ने कुछ अर्सा पहले अपनी तमाम पापर्टी की जानकारी की हार्डडिस्क इस्टेलर इन्फार्मेशन से मेरी नातिनी के द्वारा मंगाने के लिए अप्लाई किया, परन्तु उस डिस्क को बीच में ही डिलेवरी ब्याय से ट्रैक करके मेरी बहू का दामाद खालिद नजीर ले उड़ा, जिससे लगता है कि हमारी तमाम पापर्टी व बिजनेस को हड़पने के लिए तमाम बेईमानी की तरकीबे दोनो मुल्जिमान ने अपनाया है। लूट का आलम है धोखाधड़ी, जालसाजी के बीच हमें मारने की नीयत के साथ तमाम जायदाद पर हमारी बहू और उसका दामाद फन फैलाये हमारी जान लेने पर उतारू हैं।

 

अतः श्रीमान् से निवेदन है कि अबिलम्ब हमारी रपट दर्ज कराकर कार्यवाही करते हुए हमारी जान की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने की कृपा करें।