आजमगढ़, जिले में शुरू हुआ मलेरिया रोधी माह, मलेरिया से बचाव के लिए किया जाएगा जागरूक – डीएमओ शेषधर द्विवेदी

आजमगढ़, 01 जून 2023
जनपद में मलेरिया रोधी माह वृहस्पतिवार से शुरू हो गया है| मलेरिया के प्रति समुदाय को जागरूक करने के लिए यह अभियान 30 जून तक चलेगा| मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आई एन तिवारी ने बताया कि मलेरिया बीमारी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए मलेरिया माह मनाया जाता है। यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। मलेरिया प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस से होता है। मादा एनाफिलीज मच्छर जब किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो प्लाज्मोडियम विवेक्स नाम के वायरस मच्छर के शरीर में स्थानांतरित हो जाते हैं। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो यह वायरस व्यक्ति के शरीर में स्थानांतरित हो जाता है। इसके बाद स्वस्थ व्यक्ति भी मलेरिया से संक्रमित हो जाता है। मलेरिया के मच्छर जलजमाव व गंदगी में पनपते हैं। इसके बाद वह इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं। इसलिए मलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है कि अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखें व मच्छर पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करें।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि मलेरिया रोधी माह 30 जून तक मनाया जाएगा। इस दौरान लोगों को हर रविवार मच्छर पर वार के नारे के साथ जागरूक किया जाएगा। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के 6 से 8 दिन के बाद लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टी होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए आप अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। मच्छरों से सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी और मच्छररोधी क्रीम का इस्तेमाल करें व पूरी बांह के कपड़े पहनें।
उन्होंने बताया कि मलेरिया से बचाव एवं शीघ्र निदान व उपचार पर विशेष बल दिया जा रहा है| जिले में एक से 30 जून तक चलने वाले मलेरिया रोधी माह में जन समुदाय को मच्छर (वेक्टर) के प्रजनन स्थल जैसे – जल पात्रों को खाली कराने, कूलर, पानी के टैंक, गमले, पशु पक्षियों के पीने के पात्र व प्रयोग में न आने वाली सामग्री नारियल के खोल, प्लास्टिक की कप, बोतल व अन्य निष्प्रयोज्य सामग्री को समाप्त करने के संबंध में लोगों को अवगत कराया जा रहा है| साथ ही हर रविवार मच्छर पर वार” के संदेश काक्रियान्वयनप्रभावीतरीकेसेकरायाजारहाहै|ग्रामीण स्तर पर मलेरिया रोग की त्वरित पहचान कराते हुए उसे उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता और एनएम को दी गई है|