बीस लाख करोड़ में होते हैं इतने जीरो, पाकिस्तान के बजट से 6 गुना अधिक है यह राशि, 18 रूटों पर चल जाती बुलेट ट्रेनें

नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि बीस लाख करोड़ में कितनी जीरो होती है और अगर बीस लाख करोड़ रुपयों को 135 करोड़ देशवासियों में बांट दिया जाए, तो हर एक के पास कितना रुपया आएगा? इन दिनों लोगों के बीच इस तरह के सवाल आम हैं। अपने इन सवालों के जवाब जानने के लिए लोग भारी संख्या गूगल पर भी सर्च कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कोरोना महामारी के प्रकोप से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज के अंतर्गत बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारी घोषणाएं भी की हैं। आइए इस पैकेज की राशि से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।

जानिए कितने हैं जीरो

जहां एक तरफ देश के तमाम अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर विमर्श कर रहे हैं, तो कई भारतीय इस संख्या में जीरो गिनने में व्यस्त हैं। बीस लाख करोड़ में 13 जीरो होते हैं। इस राशि को अंकों में ’20 000 000 000 000′ लिखेंगे। यह राशि देश के कुल बजट के 10 फीसद के बराबर है।

देश में एक व्यक्ति को मिलते इतने रुपये

सोशल मीडिया में कई लोग इस पर भी बात कर रहे हैं कि अगर सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपयों को देश की जनता में बांट दिया जाता, तो हर एक को कितना रुपया मिलता। अगर 20 लाख करोड़ रुपये की राशि को देश की कुल आबादी यानी 135 करोड़ लोगों में बांट दिया जाए, तो प्रत्येक व्यक्ति को करीब 14,815 रुपये मिलेंगे।

पाकिस्तान के बजट से छह गुना अधिक है यह राशि

अगर हम आत्मनिर्भर भारत पैकेज की राशि की तुलना पाकिस्तान के बजट से करें, तो यह करीब छह गुना अधिक है। साल 2019-20 के लिए पाकिस्तान सरकार का बजट 7.022 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का था, जो कि भारतीय रुपयों में करीब 3.30 लाख करोड़ है। इस तरह देखें, तो यहआत्मनिर्भर भारत पैकेज पाकिस्तान के बजट के छह गुना के बराबर है।

18 रूटों पर चल सकती थीं बुलेट ट्रेनें

देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। अगर केंद्र सरकार इस 20 लाख करोड़ रुपये की राशि को देश में बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर खर्च करती, तो देश में मुंबई-अहमदाबाद जैसे 18 रूटों पर बुलेट ट्रेनें चलाई जा सकती थीं।

देश के 666 जिलों में बन जाती स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

अगर इस 20 लाख करोड़ रुपये की राशि को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में खर्च किया जाता, तो देश के अधिकांश जिलों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी खड़ी हो जाती। सरकार द्वारा गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर करीब 3,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं, हमारे देश में कुल 735 जिले हैं। अगर 20 लाख करोड़ की राशि को प्रतिमा निर्माण में खर्च किया जाता, तो करीब 666 जिलों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई जा सकती थी।