सहारनपुर। भीम आर्मी चीफ हुए हमले बाद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सत्ता का संरक्षण मिला है, इसलिए अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इतना ही नहीं चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि सीएम योगी मेरे मरने का इंतजार कर रहे थे लेकिन, मैं इतनी आसानी से मरने वाला नहीं हूं। क्योंकि मुझे दलितों, वंचितों और शोषितों की लड़ाई लड़नी है। चंद्रशेखर ने बताया कि आरोपियों ने पहली गोली चलाई, जो उनकी कनपटी के पास से होकर निकली। दूसरी गोली उनको लगी। तीसरी गोली से कार का अगला शीश टूट गया। जब आरोपियों ने चौथी गोली चलाई तो वह कार में नीचे की तरफ बैठ गए। हमलावरों ने कुछ दूर जाकर कार रोक ली। उन्हें लगा कि मैं मर चुका हूं और उनका काम पूरा हो गया। उन्हें उम्मीद है कि इसके बाद आरोपी सरेंडर करना चाहते थे, लेकिन मेरे भाई मनीष ने जैसे ही कार को यू-टर्न लिया तो आरोपियों ने फिर फायरिंग की और फरार हो गए।
चंद्रशेखर की गाड़ी के बराबर में आरोपियों ने अपनी कार सटाकर गोलियां चलाईं। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसमें आरोपी गोली चलाते हुए दिख रहे हैं और गोलियों की आवाज भी सुनाई दे रही है। भीम आर्मी चीफ ने कहा कि अगर एक चंद्रशेखर मरेगा तो हजार चंद्रशेखर खड़े नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस भुलावे में न रहे कि चंद्रशेखर मर जाएगा तो दलितों, वंचितों और शोषितों की आवाज दब जाएगी। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने जिला अस्पताल से छुट्टी होने के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षण में मुझ पर हमला किया गया। बड़े-बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री इस घटना पर क्यों नहीं बोल रहे हैं।
चंद्रशेखर ने कहा कि यह कोई पहला हमला नहीं है। वंचितों पर सदियों से हमला होता आया है। यह घटना बिना सत्ता संरक्षण के नहीं हुई है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। कार भी इसलिए बरामद हुई है कि मिरगपुर के ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी। इस घटना पर मुख्यमंत्री का कुछ भी न बोलने से पता चलता है कि वह अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं वंचितों का बेटा हूं, मर भी जाऊंगा तो क्या फर्क पड़ेगा। यह मामला किसी कमिश्नर से जुड़ा नहीं है कि उनका कुत्ता भी चार घंटे में बरामद कर लिया जाएगा। मुझ पर हमला हुए 24 घंटे बीत गए और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इससे साफ है कि उन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने बताया कि मुझे पहले से धमकियां मिल चुकी हैं। इस संबंध में मैंने गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और एसएसपी को पत्र लिखा, लेकिन मुझे सुरक्षा नहीं दी गई। पूर्व जिलाधिकारी ने तो साफ कह दिया था कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि चंद्रशेखर को सुरक्षा दी जाए। आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर हुए जानलेवा हमले की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही है। विपक्षी दलों के नेता हमले की कड़े शब्दों में निंदा कर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। जिसके चलते पुलिस पर जल्द खुलासे का दबाव है। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने भी बुधवार देर रात घटनास्थल का मौका-मुआयना किया है।