दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को संसद पहुंचकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की घटना से मेरा हृदय दुख से भरा है. ये घटना शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती देश की हो रही है. मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वो मां-बहनों की रक्षा के लिए कदम उठाएं. घटना चाहे किसी भी राज्य की हो, राजनीति से ऊपर उठकर काम करें. मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ हैस उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, ”मॉनसून सत्र में आप सबका स्वागत. सावन का पवित्र मास चल रहा है. इस बार तो डबल सावन है. सावन का महीना पवित्र कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है.” पीएम मोदी ने मीडिया से बात करते हुए उन बिलों का ज़िक्र किया, जो संसद में इस मॉनसून सत्र में पेश किए जाने हैं.
पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
मुझे उम्मीद है कि सब इस समय का उपयोग करेंगे.
संसद में हर सांसद की जो जिम्मेदारी है, जो बिल हैं उसकी चर्चा करना अनिवार्य है.
चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाली होती है.
संसद में हमारे जो सांसद आते हैं वो संसद से जुड़े होते हैं. जनता के दुख दर्द समझने वाले होते हैं. ऐसे में जब चर्चा होती है तो ज़ड़ों से जुड़े विचार आते हैं.
इस सत्र में लाए जा रहे बिल जनता से जुड़े हुए हैं.
परंपरा रही है कि जब विवाद हो तो संवाद से सुलझाया जाएगा।