लखनऊ : भेड़ों की नस्ल सुधार के लिए उ0प्र0 एवं उत्तराखण्ड के पशुपालन विभाग के मध्य एमओयू सम्पन्न

 

 

उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग एवं उत्तराखंड के पशुपालन विभाग के मध्य आज देहरादून में उत्तर प्रदेश की भेड़ो के नस्ल सुधार के लिए 250 रेम्बुलेट और मेरिनो नस्ल के नर भेड़ क्रय का एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। यह समझौता पशुधन विकास के क्षेत्र में दोनों राज्यों के बीच में एक साझा कड़ी है। समझौते निष्पादन के अनुसार प्रति भेड़ की कीमत 9500 रूपये है। अभी रेम्बुलेट और मेरीनों नस्ल की 100 भेडें क्रय की जा रही हैं। जिन्हें प्रदेश के जनपद चन्दौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, प्रयागराज, कौशाम्बी, बांदा, चित्रकूट, बरेली में भेड़ पालकों को उपलब्ध कराया जायेगा। कालान्तर में शेष 150 भेड़े भी क्रय की जायेगी।
इस कार्यक्रम में उ0प्र0 के पशुधन विभाग के विशेष सचिव, देवेंद्र कुमार पाण्डेय निदेशक पशुपालन उत्तर प्रदेश तथा निदेशक, शीप डेबलपमेन्ट बोर्ड, उत्तराखंड के बीच समझौता किया गया। इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के भेड़ पालकों को अच्छी नस्ल के भेड़े उपलब्ध कराना है ताकि उनको उच्च गुणवत्ता का ऊन प्राप्त हो सके। भेड़ो के नस्ल सुधार के लिए यह एमओयू किसानों की आय दोगुनी करने में यह एक बहुआयामी कदम है।
इस संबंध मंे पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा व पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह के मार्गदर्शन में पशुधन विकास के लिए उ0प्र0 में निरन्तर विकासोन्मुखी कार्य किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त उच्च गुणवत्ता का ऊन प्राप्त होने से भेड़ पालकों को उनकी अच्छी कीमत मिलने के साथ-साथ पूर्वांचल राज्य में बंद चल रही भेड़ की ऊन से तैयार करने वाली उद्योग को पुनर्जीवित करने का एक सुनहरा अवसर होगा एवं आने वाले वक्त में पूर्वांचल के भेड़पालक बाहुल्य प्रदेश जनपद फिर से जीवंत होकर अपने आप को विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। उन्नतिशील नस्ल की भेड़ों के पालन के माध्यम से पशुपालकों एवं ऊन उत्पादन से जुड़े व्यक्तियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होगे।