लखनऊ : ग्राम स्तरीय गन्ना सट्टा प्रदर्शन कार्यक्रम को 30 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश।

 

प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी प्रभु एन सिंह ने साप्ताहिक समीक्षा बैठक में अवगत कराया कि पेराई सत्र 2023-24 के लिये गन्ना सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। तथा वर्तमान में ग्राम स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जो 30 अगस्त, 2023 तक चलेगा। गन्ना विभाग किसान के द्वार अभियान के अन्तर्गत गन्ना विकास विभाग के कर्मचारी गन्ना किसानों को उनके गन्ना सर्वे एवं सट्टे से संबंधित कुल 83 बिन्दुओं पर आंकड़े दिखाकर उनसे सहमति प्राप्त करेंगे।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए गन्ना आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि किसी किसान को 63 कॉलम से संबंधित आंकड़ों पर आपत्ति है तो उसका यथोचित निस्तारण तत्समय ही किया जायेगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह ग्राम स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन मेला में अपनी कृषि योग्य भूमि, गन्ना प्रजाति, मोबाईल नम्बर, बेसिक कोटा एवं बैंक खाता आदि महत्वपूर्ण सूचनाओं का भली-भांति अवलोकन कर लें और त्रुटि की दशा में गन्ना पर्यवेक्षक को संबंधित अभिलेख एवं प्रार्थना-पत्र देकर मौके पर ही संशोधन करा लें।
श्री सिंह द्वारा अवगत कराया कि ऐसे गन्ना किसान जो कतिपय परिस्थितियों के कारण ग्राम स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन के दौरान मौके पर उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं या प्रदेश के बाहर अपनी सेवायें दे रहे हैं उनके लिये 63 कॉलम का डाटा पोर्टल पर भी उपलब्ध करा दिया गया है। किसान इसे देखकर अपनी ऑनलाईन आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसका निस्तारण भी ऑनलाईन ही करा दिया जायेगा 30 अगस्त, 2023 के बाद संशोधन हेतु प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा।
उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि पेराई सत्र 2023-24 के लिये 30 सितम्बर, 2023 तक बनाये गये सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। ग्राम स्तरीय सर्वे सट्टा प्रदर्शन के दौरान गन्ना समिति के नये/वारिस सदस्यता हेतु भी किसानों से आवेदन लिये जायेगे। कृषकों द्वारा उपज बढ़ोत्तरी हेतु अपना आवेदन पत्र भी 30 सितम्बर, 2023 तक निर्धारित शुल्क के साथ दिये जा सकेंगे। गन्ने की पंचामृत खेती से आच्छादित ऐसे उत्तम कृषक जिनके द्वारा गन्ना खेती की पंचामृत विधि यथा ट्रेंच प्लांटिंग, सहफसली, ट्रैश मल्चिंग रेटून, मैनेजमेन्ट डिवाइस और ड्रिप सिंचाई का आच्छादन अपने खेतों में किया गया है, से उपज बढ़ोत्तरी हेतु आवेदन शुल्क नहीं लिया जायेगा।