12 साल की उम्र में कक्षा 7 में पढ़ने वाली आकर्षण सतीश ने खोल चुकी हैं 7 लाइब्रेरी

बेगमपेट। मिलिए बेगमपेट के हैदराबाद पब्लिक स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ने वाली आकर्षण सतीश से, जिसने सैंकड़ों छात्रों के भविष्य के लिए एक बेहतर नींव तैयार की और उनके चेहरे पर मुस्कान लाई है। आकर्षण ने 12 साल की उम्र में ही अपने दम पर सात पुस्तकालयों की स्थापना की। उसने इनके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जैसी उल्लेखनीय हस्तियों से मान्यता भी प्राप्त की। आइए जानते हैं आकर्षण की प्रेरणादायक कहानी।
साल 2021 में आकर्षण ने एमएनजे कैंसर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल का दौरा किया। यह लॉकडाउन का दौर था। आकर्षण अपने माता-पिता के साथ वहां के बच्चों के लिए खाना लेकर जाती थी। एक दिन आकर्षण कुछ किताबें साथ लेकर गई। बच्चे किताबों के बारे में पूछताछ करने लगे। यहीं से इस सब की शुरूआत हुई। आकर्षण ने अपने स्कूल और अपार्टमेंट के लोगों से उनकी अच्छी पुरानी किताबों को अच्छी स्थिति में रखने के लिए कहा।

आकर्षण ने अब तक सात लाइब्रेरी खोली हैं। पहली 1036 किताबों के साथ एमएनजे कैंसर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में, दूसरी सनथ नगर पुलिस स्टेशन में 825 किताबों के साथ, तीसरी बोराबंदा में गायत्री नगर एसोसिएशन में 250 किताबों के साथ, 625 पुस्तकों के साथ चौथी हैदराबाद में लड़कियों के लिए किशोर और अवलोकन गृह में। कोयंबटूर सिटी पुलिस स्ट्रीट लाइब्रेरी में 200 पुस्तकों के साथ पांचवीं और 1200 पुस्तकों के साथ नोलंबुर पुलिस स्टेशन में चेन्नई बॉयज़ क्लब में छठी। उनकी सबसे हालिया और सातवीं लाइब्रेरी, जिसमें 610 किताबें हैं, हैदराबाद के ओल्ड सनथ नगर क्षेत्र में सरकारी हाई स्कूल में स्थापित की गई थी।
2021 में, आकर्षण को पीएम मोदी से सराहना पत्र मिला। जिससे आकर्षण को समाज के लिए और अधिक करने का प्रोत्साहन मिला। पीएम मोदी ने पत्र में जीवन में सकारात्मकता और सफलता के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा। 12 वर्षीय आकर्षण कहती हैं, “मुझे हमारे प्रधान मंत्री मोदी से एक प्रशंसा पत्र मिला है, जिन्होंने मुझे समाज के लिए और अधिक करने के लिए प्रोत्साहित किया और जीवन में सकारात्मकता और सफलता के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा।”
उन्होंने NAMO टीम को अपने सात पुस्तकालयों की स्थापना के बारे में जानकारी भी सौंपी है और वो पीएमओ से पुष्टि की प्रतीक्षा कर रही हैं ताकि वह व्यक्तिगत रूप से प्रधान मंत्री से मिल सकें और अपनी पहल, ‘पुस्तकालयों के माध्यम से दिमाग को सशक्त बनाना’ पर चर्चा कर सकें।