लखनऊ : आज आ सकती है भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की लिस्ट: घोसी उपचुनाव में हार के बाद संगठन को मजबूत करने में जुटी भाजपा
घोसी उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को मिली हार के बाद अब यूपी में भाजपा 2024 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की तैयार में है चुकी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को यूपी की कमान संभाले एक साल से ज्यादा का वक्त भी हो गया है, लेकिन अभी तक 2024 के लिए जिलों की टीम तैयार नहीं हो पाई है। महीनो से चल रही चर्चा पर अब विराम की घड़ी करीब आ गई है और जल्द नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के 33 से अधिक जिलों के अध्यक्ष बदले जाएंगे।
पश्चिम क्षेत्र से 10 जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे
पश्चिम क्षेत्र में 19 जिले आते हैं। इसमें अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद जिला, गाजियाबाद महानगर, हापुड़, मेरठ जिला मेरठ महानगर, मुजफ्फरनगर मुरादाबाद जिला, मुरादाबाद महानगर, नोएडा महानगर, रामपुर जिला, शामली जिला, बागपत जिला, सम्भल और बिजनौर जिला शामिल हैं। इसमें से 10 जिलों के जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।
सबसे अहम बात ये है कि पार्टी हाईकमान सहारनपुर जिला संगठन में कोई बदलाव करने के पश्र मे नहीं है क्योकि यहा के जिलाध्यक्ष के पश्र मे कुछ विधायक भी हाईकमान नेतृत्व के समश्र मजबूती से जिलाध्यक्ष सहारनपुर के पश्र मे खडे है !!
इनमें अमरोहा, गाजियाबाद, गाजियाबाद महानगर, मुरादाबाद, हापुड़, शामली, बागपत, रामपुर, नोएडा, संभाल जिला और मेरठ जिले के जिलाध्यक्ष को बदले जाने की सबसे ज्यादा संभावना है।
कानपुर क्षेत्र से 6 जिला अध्यक्ष महोबा बदलने की संभावना
कानपुर क्षेत्र में 17 जिले आते है। इनमें कानपुर उत्तर, कानपुर दक्षिण, कानपुर ग्रामीण, कानपुर देहात, बदायूं, जालौन, महोबा, चित्रकूट, हमीरपुर, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया, फतेहपुर, झांसी महानगर, झांसी जिला और ललितपुर शामिल हैं। इनमें से 6 जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। खासतौर से महोबा, बदायूं, कानपुर ग्रामीण, जालौन, इटावा और कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष का बदला जाना तय है।
गोरखपुर क्षेत्र से बदल सकते हैं 5 जिला अध्यक्ष
गोरखपुर क्षेत्र में 12 जिले आते हैं। इसमें गोरखपुर महानगर, गोरखपुर जिला, आजमगढ़, लालगंज, देवरिया कुशीनगर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, मऊ, बलिया शामिल हैं। इसमें से 5 जिला अध्यक्ष बदले जा सकते है जिसमें सिद्धार्थ नगर, लालगंज, आजमगढ़, बस्ती और अब घोसी उपचुनाव में मिली हार के बाद मऊ में बदलाव होना लगभग पक्का है।
बहरहाल घोसी उपचुनाव में मिली हर के बाद भाजपा व अपने संगठन को और भी तेजी से मजबूत करने में जुटी हुई है यही कारण माना जा रहा है की जिला अध्यक्षों में बदलाव की सूची को आज शाम तक किया कल सुबह तक जारी कर दिया जाएगा जिसकी 2024 की तैयारी को अमली जामा पहनाया जा सके।
लखनऊ महानगर के जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा है, वो एमएलसी हैं। ऐसे उनकी जगह नया जिला अध्यक्ष घोषित किया जाएगा।
महोबा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर भी एमएलसी हैं। जितेंद्र की जगह भी नए जिला अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा।
वाराणसी जिले के जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा भी एमएलसी बन चुके हैं। विधान परिषद पहुंच गए हैं उनकी जगह भी नया जिला अध्यक्ष मिलने वाला है।
कानपुर देहात के जिला अध्यक्ष अविनाश चौहन भी विधान परिषद पहुंच गए हैं, वह भी एमएलसी हैं, उन्हें भी हटाया जाएगा।
अलीगढ़ के जिला अध्यक्ष ऋषिपाल जाट भी एमएलसी हैं, उन्हें भी बदला जाएगा।
मथुरा महानगर के जिला अध्यक्ष विनोद अग्रवाल मथुरा शहर के अब महापौर बन चुके हैं, उन्हें भी अब जिला अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर वहां नए व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा।
प्रयागराज महानगर के जिला अध्यक्ष गणेश केसरवानी भी प्रयागराज के मेयर बन चुके हैं, उनका भी हटना तय है। उनकी जगह नया जिला अध्यक्ष घोषित किया जाएगा।
बहराइच के जिला अध्यक्ष श्याम करण टेकरीवाल की पत्नी बहराइच नगर पालिका की अध्यक्ष बन चुकी हैं, ऐसे में उनका भी बदला जाना तय है।
मेरठ के जिला अध्यक्ष विमल शर्मा सहकारी बैंक के अध्यक्ष बन चुके हैं ऐसे में उन्हें भी बदला जाना तय है। परफॉर्मेंस खराब और जातीय समीकरण बनेगा बदलाव का आधार
2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से इन जिला अध्यक्षों के बदलाव को काफी अहम माना जा रहा है। इस बदलाव के जरिए भाजपा न केवल क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी, बल्कि जातीय समीकरणों को भी साधने पर उसका फोकस रहेगा।
माना जा रहा है कि इस बदलाव में पार्टी कई जिलों में OBC चेहरों को भी मौका दे सकती है।
उत्तर प्रदेश में OBC वोट बैंक की बात करें तो वह सबसे ज्यादा तकरीबन 52% है। चाहे 2014 के लोकसभा चुनाव रहे हों या फिर 2019 का…OBC समाज ने बीजेपी का हर चुनाव में साथ दिया है। लगातार भाजपा सत्ता में बनी रही है। इसीलिए अब OBC वोट बैंक को साथ लाने के लिए बीजेपी इस बदलाव में भी OBC चेहरों को ज्यादा मौका दे सकती है।