नई दिल्ली। कयास लगाए जा सकते हैं कि ऐसा होता तो ऐसा हो जाता, लेकिन हकीकत से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है। ऐसा ही कुछ इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 13वें सीजन के साथ हुआ है। आइपीएल 2020 की शुरुआत यूं तो 29 मार्च को होने थी और फाइनल मुकाबला 24 मई को खेला जाना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से आइपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अगर सब कुछ ठीक होता तो फिर आइपीएल 2020 का फाइनल आज यानी 24 मई को होता और ये दिन आइपीएल के सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा के लिए लकी है।
आइपीएल के दो फाइनल 24 मई को खेले गए हैं, जबकि तीसरा फाइनल 24 मई को होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण ये संभव नहीं हो पाया। हालांकि, बात अगर इस दिन हुए दो आइपीएल के फाइनल्स की करें तो रोहित शर्मा दोनों बार जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। एक बार खिलाड़ी के तौर पर तो वहीं, दूसरी बार टीम के कप्तान के तौर पर वे अपनी टीम को खिताब जिताने में सफल रहे हैं। ये आइपीएल के फाइनल हैं साल 2009 और साल 2015 के जिनमें पहली बार रोहित शर्मा टीम के खिलाड़ी थे, जबकि दूसरी बार वे टीम के कप्तान थे।
दरअसल, साल 2009 में 24 मई को आइपीएल के दूसरे सीजन का फाइनल मुकाबला हैदराबाद की टीम डेक्कन चार्जेस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बीच खेला गया था। इस दौरान रोहित शर्मा एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी वाली टीम डेक्कन चार्जेस का हिस्सा थे, जिसमें डेक्कन की टीम ने आरसीबी को करारी शिकस्त दी थी। वहीं, दूसरी बार साल 2015 में 24 मई को आइपीएल के 8वें सीजन का फाइनल मुकाबले खेला गया था, जिसमें मुंबई इंडियंस का सामना चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ था। मुंबई इंडियंस ने चेन्नई को हराकर दूसरी बार खिताब अपने नाम किया था।
साल 2015 में आज ही के दिन खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा रोहित शर्मा थे, जो कि टीम के कप्तान भी थे। इस तरह 24 मई का दिन रोहित शर्मा के लिए काफी खास रहा है, क्योंकि वे इस दिन खिताब जीतने में सफल रहे हैं। आइपीएल 2009 के फाइनल में रोहित शर्मा ने 24 रन की पारी निचले क्रम में खेली थी, जबकि साल 2015 के फाइनल में रोहित शर्मा ने तूफानी अर्धशतक मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते हुए जड़ा था और मैन ऑफ द मैच का खिताब भी हासिल किया था।