लॉस एंजलिसः अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड और कोरोना वार के अलावा साऊथ चाइना सी को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। साउथ चाइना सी को धरती का वो इलाका कहा जाता है, जहां सबसे ज़्यादा टेंशन रहती है। इस इलाके में कई मुल्कों की नजर है और कभी अमेरिका तो कभी चीन समंदर के इस हिस्से में अपना-अपना दबदबा होने का दावा करते रहते हैं। इसी इलाके में दुनिया के सबसे बड़े अमेरिकी नौसेनिक बेड़े ने एक प्रयोग किया है, जो चीन के लिए गंभीर चेतावनी माना जा रहा है। अमेरिकी नौसेना ने एक खतरनाक हाई-एनर्जी लेजर हथियार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो विमान को हवा में ही नष्ट कर सकता है।
यह परीक्षण प्रशांत महासागर में एक जंगी जहाज पर किया गया, जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी जारी की गई है। नौसेना के प्रशांत बेड़े ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है। वीडियो में दिख रहा है कि युद्धपोत के डेक से एक तेज लेजर बीम निकल रही है। इस बीच लेजर बीम के सामने आने वाला ड्रोन जलने लगता है। प्रशांत बेड़े ने कहा कि लेजर हथियार ड्रोन या हथियारों वाली छोटी नौकाओं के खिलाफ भी काम में लाया जा सकता है। हालांकि नौसेना ने इसकी जानकारी नहीं दी कि यह परीक्षण कहां किया गया। नौसेना ने सिर्फ यह बताया कि परीक्षण 16 मई को प्रशांत महासागर में हुआ।
नौसेना ने लेजर हथियार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज की 2018 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लेजर हथियार की पावर 150 किलोवॉट हो सकती है। अमेरिका की पैसिफिक फ्लीट ने चीन से कुछ हजार किलोमीटर पर इसका परीक्षण प्रशांत महासागर में किया और दुनिया को बता दिया कि अमेरिका के पास वो हथियार है, जिसमें उसे करोड़ों नहीं खर्च करने होंगे बल्कि महज 1 डॉलर खर्च कर के वो किसी भी एयरक्राफ़्ट को हवा में ही नष्ट कर सकता है।
जानें क्या हैं खासियतें?
- अमेरिकी नौसेना का ये हाई-एनर्जी लेजर हथियार दुनिया में अब तक देखा गया अपनी तरह का एकलौता हथियार है।
- यह छोटे से छोटे निशाने को भी भेद सकता है, चाहे वो समंदर में हो या फिर वो हवा में हो।
- टाइमिंग और जगह के मुताबिक अमेरिका का ये टेस्ट चीन को दबाव में लेने के लिए है, जो ज़ाहिर करता है कि अमेरिका चीन को सबक सिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
- इस हथियार को सॉलिड स्टेट लेजर वेपन कहते हैं।
- इसे अमेरिका के नौसेना रिसर्च कार्यालय ने बनाया है ।
- इसे पहली बार नौसेना के पैसिफिक फ्लीट में शामिल किया गया है। अमेरिका में डायरेक्टेड एनर्जी वेपन पर काम 1960 में शुरू किया था।
- ये अपनी रेंज में आनेवाले टारगेट को ऊर्जा से उड़ा देता है।
- इसमें लेजर बीम, माउक्रोवेव और पार्टिकल बीम भी शामिल हो सकती है।
- इराक वॉर में अमेरिका ने इसी से बड़े इलाके में बिजली गुल की थी। दुनिया के कई हिस्सों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होता है।
- अब अमेरिका ने डायरेक्टेड एनर्जी वेपन से लीथल हथियार भी बना लिया है।
- यही वो लेजर हथियार है जो वक्त आने पर चीन का शिकार करेगा।
- इसमें लगा रेडियो फ्रिक्वेंसी सेंसर, टारगेट की रेंज को बताता है, मतलब टारगेट कितनी दूरी पर है, इसका टारगेट ट्रैकिंग सेंसर, टारगेट को ट्रैक करता है।
#USSPortland (LPD 27) conducts Laser Weapon System Demonstrator Test in Pacific: http://go.usa.gov/xw3Uy @USNavy @USNavyResearch #NavyLethality
बता दें कि हाल ही में दक्षिण चीन सागर और ताइवान के नजदीक चीन और अमेरिका के जंगी जहाज आमने सामने आ गए थे। इसी तरह चीन ने अमेरिका के सबसे आधुनिक टोही विमान पी-8 पर लेजर से निशाना लगाया था। हालांकि, ये नुकसान करने वाला हमला नहीं था लेकिन इसी के जवाब में अमेरिका ने अपनी चाल चली और अपना वो हथियार दुनिया के सामने लेकर आया। चीन अगर अमेरिका को घुड़की देता है तो अमेरिका भी बता देता है कि अगर युद्ध हुआ तो वो पीछे नहीं हटने वाला।