इस्लामाबाद। अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनने की शुरुआत होने से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिला गया है और एक बार फिर नापाक कोशिश करते हुए भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। पाकिस्तान ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए भारत की आलोचना की है। उधर, पाकिस्तान की टिप्पणी पर अयोध्या के संत भड़क गए हैं। इस मामले में संतों से लेकर विवादास्पद ढांचे के पक्षकार इकबाल अंसारी तक ने पाकिस्तान को हिदायत दी है। उधर, भारत ने पाकिस्तान की आपत्ति को सिरे से खारिज करते हुए उसे आड़े हाथों लिया है
भारत ने पाकिस्तान की टिप्पणियों को बार-बार किया
भारत ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान द्वारा की गई अनुचित और बिना मतलब की टिप्पणियों को बार-बार खारिज किया है। उसका कहना है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पूरी तरह से आंतरिक मामला है। इस बारे मेें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों की बात करते हुए शर्म आनी चाहिए। वह हमेशा उन मुद्दों पर टिप्पणी करता है जिससे उसे कोई मतलब नहीं है।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के पक्ष में दिया था फैसला
उल्लेखनीय है भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गत 9 नवंबर को जन्मभूमि परिसर पर दावे के लेकर वर्षो से चल रहे मुकदमे में 2.77 एकड़ की पूरी भूमि रामलला के नाम कर दी थी। इस मामले में रामलला समेत तीन पक्षकार थे। पांच जजों की खंडपीठ ने अपने फैसले में एक अन्य पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का आदेश दिया था।
रामलला के नाम आवंटित भूमि पर 26 मई से राम मंदिर निर्माण शुरू होने पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले में इंसाफ की मांग पूरी करने का कोई ख्याल नहीं रखा गया। पाकिस्तान की सरकार और वहां लोग बयान में आगे कहा गया कि अयोध्या मुद्दा, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) ऐसे विषय हैं जिनसे पता लगता है कि भारत में मुसलमान किस तरह हाशिए पर ला दिए गए हैं।इस ऐतिहासिक स्थल पर मंदिर बनाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।