भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। शपथ की तारीख भी नजदीक आ गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि 30 मई को मोदी सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है, इसलिए 30-31 मई या फिर जून के पहले सप्ताह में शपथ की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इधर, शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को लेकर चल रही कश्मकश गुरुवार को भी जारी रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह और राजेंद्र शुक्ल की वापसी के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी प्रयास किए। शिवराज और तोमर के संयुक्त प्रयासों से तीनों पूर्व मंत्रियों की कैबिनेट में वापसी की संभावना बढ़ गई है।
मंत्रियों का पेच लगभग सुलझ गया
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिन मंत्रियों के नाम पर पेच फंसा हुआ था, वह लगभग सुलझ गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ इन नेताओं के पक्ष में केंद्रीय मंत्री तोमर ने भी मोर्चा संभाला। हाईकमान के सामने तर्क दिया गया कि शिवराज कैबिनेट में जिन सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया जा रहा है, वे सभी कद्दावर नेता हैं। ऐसे हालात में नए चेहरों को ज्यादा संख्या में शामिल किया जाता है तो भाजपा के नए मंत्री कमजोर पड़ जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में भी संतुलन बनाना मुश्किल होगा, इसलिए कुछ अनुभवी मंत्रियों को सरकार में शामिल करना जरूरी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस पर सहमति बन जाने के आसार हैं।
दिल को बहलाने को गालिब ख्याल अच्छा है: शिवराज
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा 20 सीटों पर उपचुनाव जीतने और सत्ता से हटने को फिल्म का इंटरवल बताए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दिल को बहलाने को गालिब ख्याल अच्छा है। सारी योजनाएं बंद कर जनता को धोखा देने वाले और सरकार को भ्रष्टाचार का जरिया बनाने वालों पर जनता भरोसा नहीं करेगी।