Ex CM रघुवर दास के आप्त सचिव अंजन सरकार के सरकारी आवास को जबरन कराया खाली, गरमाई राजनीति

रांची। भवन निर्माण विभाग ने जिला प्रशासन की मदद से शुक्रवार को लॉकडाउन के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के वरीय आप्त सचिव रहे अंजन सरकार के सरकारी आवास को खाली करा दिया। यह आवास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आप्त सचिव विमल घोष को आवंटित किया गया है। आवास खाली कराने के दौरान अंजन सरकार शहर में नहीं थे। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उनके घर में रखे सभी सामान बाहर निकाल दिया गया और आवास को भवन निर्माण विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया

भवन निर्माण विभाग के अनुसार अंजन सरकार को विभाग द्वारा दो बार घर खाली करने के लिए पत्र जारी किया गया था। पहला पत्र 5 मई को और दूसरा पत्र 18 मई को जारी कर घर खाली करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद घर खाली नहीं किया गया। सरकारी आवास संख्या ई टू मेयर्स रोड, रांची को अवैध कब्जा से खाली कराने के लिए दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी।

लॉकडाउन में आवास खाली कराने को लेकर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने सवाल उठाया है कि सरकारी आवास को लॉकडाउन के दौरान ही खाली क्यों कराया गया। लॉकडाउन में तो लोग किरायेदार का भी घर खाली नहीं कराते हैैं, उसके प्रति संवेदना रखते हैैं। सरकार ने ताला तोड़कर कार्रवाई कर अपनी संकीर्ण मानसिकता उजागर की है।

मैैं असम में फंसा हूं, जल्दबाजी में खाली कराया आवास : अंजन सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के वरीय आप्त सचिव रहे अंजन सरकार कहते हैं कि लॉकडाउन की अवधि में पिछले दो माह से मैं असम में फंसा हुआ हूं। डिब्रूगढ़ से रांची की दूरी करीब 1600 किलोमीटर है। आने का कोई साधन नहीं है। उसके बावजूद सरकार के स्तर से इस तरह का कदम उठाया गया। मैं समय से अपने आवास का किराया भी दे रहा था। एक तरफ तो सरकार कहती है कि लॉकडाउन की अवधि में किसी को नहीं निकालना है, दूसरी तरफ घर खाली कराने की जल्दबाजी कुछ इस कदर दिखाई जाती है कि तीन बजे नोटिस मिलता है और चार बजे घर खाली करने को कहा जाता है। मेरा सामान भी बाहर फेंक दिया गया है, पास के शेड में भी रखने नहीं दिया गया। यह दुखद है।