लाहौर। पाकिस्तान में साल 1998 में हुए परमाणु परीक्षण को लेकर वहां के रेल मंत्री शेख राशिद ने हैरान करने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तैयार नहीं थे। नवाज शरीफ ऐसे परीक्षण के विरोध में थे लेकिन ताकतवर सेना की इच्छा के चलते उन्हें झुकना पड़ा था। नतीजतन भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में पाकिस्तान ने भी परीक्षण किया था। राशिद पहले भी अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने मई, 1998 में पोखरण में सिलसिलेवार पांच परमाणु परीक्षण कर दुनिया में सनसनी फैला दी थी। इसके बाद भारत पर दुनिया के कई देशों ने प्रतिबंध भी लगाए थे। इसके कुछ दिन बाद पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किए थे। शेख राशिद ने कहा, नवाज शरीफ और उनकी कैबिनेट के करीब सभी सदस्य भारतीय कदम के जवाब में परमाणु परीक्षण करने के खिलाफ थे लेकिन राजा जफरुल हक, गौहर अयूब और वह खुद जवाबी परमाणु परीक्षण किए जाने के पक्ष में थे।
राशिद उस समय नवाज शरीफ सरकार में मंत्री थे। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा सत्य है जिसे वह अब सार्वजनिक कर रहे हैं। राशिद से जब यह पूछा गया कि परमाणु परीक्षण के समय वह पाकिस्तान से बाहर क्यों चले गए थे ? जवाब में उन्होंने कहा, वह एक विशेष कार्य से बाहर गए थे-जिसे बता नहीं सकते। नवाज की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के वरिष्ठ नेता राणा सनाउल्ला ने राशिद के बयान खारिज किया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान बनने के 70 साल में आधे से ज्यादा समय सत्ता सेना के कब्जे में रही है। सत्ता से दूर रहते हुए भी सेना पाकिस्तान की रक्षा और विदेश नीति तय करने में अहम भूमिका अदा करती रही है। उल्लेखनीय है कि साल 1999 में जनरल मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार को जबरन सत्ता से बेदखल कर दिया था। उन्होंने पाकिस्तान पर साल 2008 तक राज किया जब तब कि उन्हें जनता और सेना की ओर से पद छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया।