पीएम आवास के तहत बने मकान में खोल दी सरकारी शराब की दुकान

बरही (हजारीबाग)। झारखंड में बेघरों को घर दिए जाने वाली मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल है। यहां पीएम आवास योजना के तहत बने घर में ही दारू की दुकान खोल दी गई है। यह शराब की दुकान भी सरकारी है। मामले का खुलासा होने के बाद जांच तेज कर दी गई है। एसडीओ ने फौरी कार्रवाई करने की बात कही है। यह मामला हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड का है। जहां  करियातपुर पंचायत के अनुसूचित जाति टोले में सरकारी कंपोजिट शराब की दुकान पीएम आवास योजना के तहत बने एक आवास में खुल गई है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन इसकी जांच कर रहा है।

घनी आबादी के बीच पीएम आवास में सरकारी शराब दुकान संचालित होने के कारण ग्रामीणों में काफी रोष है। इस बाबत वहां के ग्रामीणों ने उपायुक्त को एक आवेदन दिया है। कहा कि इस टोला में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 700 है। यह सरकारी कम कंपोजिट शराब की दुकान त्रिलोक महतो के एक व्यक्ति द्वारा खोला गया है।

इसमें यह भी कहा गया है कि जिस घर में दुकान खोला गया है, वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना हुआ है। यह बसंत पांडे ग्राम- पिपराघोघर के नाम से है। वह काफी आबादी वाली जगह है। यहां सैकड़ों लोग रहते हैं और इस रोड से करीब 10 से 20 गांव जुड़े हैं। साथ ही बताया कि यहां से बच्चे, बुजुर्ग और अन्य लोग बाजार जाते हैं। स्कूल भी बच्चियां इसी रूट से जाती हैं।

महिलाओं का कहना है कि शराब की दुकान खुल जाने से हम लोगों को काफी डर है, क्योंकि जहां शराब दुकान खुली है उसके बगल में मंदिर एवं कुआं है। हमारे बच्चे यहां खेलते रहते हैं। इससे पूर्व पिछले अप्रैल माह में भी दुकान खुलने के पहले भी बरही एसडीओ को आवेदन दिया गया था। ग्रामीणों ने मांग की कि की छानबीन करते हुए त्वरित कानूनी कार्रवाई करते हुए उक्त स्थल से शराब की दुकान हटाई जाए।

इस तरह का कोई मामला पूर्व में संज्ञान में नहीं है। मुझे शपथ पत्र दिया गया है। जमीन के कागजात और रसीद भी हैं। दुकान में शटर लगा है। देखने से यह व्यवसायिक लगता है। मामले की जांच कराई जाएगी। जितेंद्र कुमार, अंचल प्रभारी, उत्पाद विभाग बरही, हजारीबाग।

पीएम आवास में शराब दुकान खोलने की बात सामने आई है। मामले की जांच कराई जा रही है। सीओ  द्वारा जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।  डॉ. कुमार ताराचंद, एसडीओ, बरही, हजारीबाग।